कोरोना संकट: आईएमए ने चेताया देश की स्थिति बहुत खराब कम्यूनिटी ट्रांसमिशन शुरू
नई दिल्ली: देश में कोरोना के नए मामले रोज नया रिकॉर्ड बना रहे हैं, कोरोना से होने वाली मौत का ग्राफ भी लगातार बढ़ रहा है. देश में बढ़ते कोरोना के इस खते को लेकर डॉक्टरों की सबसे बड़ी संस्था इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने आगाह किया है. आईएमए ने कहा है कि देश में कम्यूनिटी स्प्रेड हो चुका है. इसके साथ ही आईएमए ने कहा है कि देश में स्थिति बेहद खराब है. बता दें कि दुनिया भर में अमेरिका और ब्राजील के बाद भारत सबसे ज्यादा केस के मामले में तीसरे नंबर पर है.
आईएमए (हॉस्पिटल बोर्ड ऑफ इंडिया) के अध्यक्ष डॉ वीके मोंगा ने कहा, ”कोरोना अब खतरनाक रफ्तार से बढ़ रहा है. हर दिन मामलों की संख्या लगभग 30,000 से अधिक आ रही है. यह देश के लिए वास्तव में एक खराब स्थिति है.”
ग्रामीण इलाकों में कोरोना फैलना चिंता की बात
इसके साथ ही आईएमए ने कोरोना के ग्रामीण इलाकों में फैलने को लेकर भी चिंता जाहिर की. डॉ वीके मोंगा ने कहा कि इसके साथ बहुत सारे कारक जुड़े हुए हैं लेकिन कुल मिलाकर यह अब ग्रामीण क्षेत्रों में फैल रहा है. यह एक बुरा संकेत है. इससे पता चलता है कि देश में कोरोना का कम्यूनिटी स्प्रेड शुरू हो चुका है.
डॉ. मोंगा ने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार के लिए कस्बों और गांवों में कोरोनो वायरस पर नियंत्रण कठिन होगा. उन्होंने कहा, “दिल्ली में हम इसे रोकने में सक्षम रहे लेकिन महाराष्ट्र, केरल, गोवा, मध्य प्रदेश में देश के अंदरूनी इलाकों का क्या होगा?”
मानसून और ठंड में बढ़ सकते हैं कोरोना वायरस संक्रमण के मामले- एम्स
आईआईटी-भुवनेश्वर और एम्स के शोधकर्ताओं द्वारा संयुक्त रूप से किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि मानसून और ठंड में तापमान गिरने पर कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ सकते हैं. आईआईटी-भुवनेश्वर में स्कूल ऑफ अर्थ, ओसियन एंड क्लाइमेट साइंसेज के सहायक प्रोफेसर वी विनोज के नेतृत्व में किए गए इस अध्ययन के अनुसार बारिश, तापमान में गिरावट और ठंड का मौसम कोरोना संक्रमण के प्रसार के लिए अनुकूल हो सकता है.
‘भारत में कोरोना के प्रसार की तापमान और सापेक्षिक आर्द्रता पर निर्भरता’ शीर्षक रिपोर्ट में अप्रैल और जून के बीच 28 राज्यों में कोरोना वायरस के प्रकोप और संक्रमण के मामलों की संख्या को ध्यान में रखा गया है.
अध्ययन के मुताबिक तापमान में एक-डिग्री सेल्सियस की वृद्धि के कारण मामलों में 0.99 प्रतिशत की कमी होती है और मामलों को दोगुना होने का समय 1.13 दिनों तक बढ़ जाता है.