गुजरात

तमिलनाडु में पावर प्लांट में विस्फोट से 13 मौत के बाद भी नहीं जागी गुजरात सरकार, हाई रिस्क पर चल रहे 9 पावर प्लांट

अहमदाबाद I तामिलनाडु के पावर प्लांट में हाल ही में 13 लोगों की मौत से गुजरात सरकार ने कोई सबक नहीं लिया है। कई लोगों की जान पर जोखिम के बावजूद राज्य के 25 साल से ज्यादा पुराने कोल बेस्ड पावर प्लांट चलाए जा रहे हैं।

केंद्र सरकार 25 साल या इससे ज्यादा पुराने प्लांट बंद करने का आदेश एक साल पहले ही दे चुकी है। गुजरात सरकार को वणाकबारी और उकाई बिजली केंद्र के 9 उद्योग बंद करने हैं। इसके लिए 2022-2027 तक का समय दिया गया है, जबकि 2004 से 2012 तक ही तमाम उद्योगों का समय पूरा हो चुका है।

प्रदूषण और दुर्घटना का डर
सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी (सीईए) का कहना है कि 25 साल में तमाम पावर प्लांट का खर्च वसूल हो चुका है। जिसकी मशीनों की क्षमता की एक्सपायरी भी करीब आ चुकी है। प्रदूषण और डर के बीच इन्हें बंद करना जरूरी है। जानकारी के अनुसार कम खर्च हो इसलिए आंख-मुंह बंद कर लिए जा रहे हैं। सरकार एफजीडी सिस्टम लागू करना या नया प्लांट लगाना नहीं चाहती। जिससे बिजली का उत्पादन महंगा होगा और बिजली बेचने पर मार्जिन भी कम हो जाएगा।

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