राष्ट्रीय

राजस्थान में फिर सियासी संग्राम, कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर अशोक गहलोत और सचिन पायलट में झगड़ा बढ़ा

नई दिल्ली: राजस्थान में एक बार फिर सियासी संग्राम शुरू हो गया है. कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर अशोक गहलोत और सचिन पायलट आमने-सामने आ गए हैं. इसी बीच खबर ये भी आ रही है कि डिप्टी सीएम सचिन पायलट सहित 10-12 कांग्रेस और निर्दलीय विधायक दिल्ली पहुंचे थे. माना जा रहा है कि सरकार से नाराज चल रहे कांग्रेसी विधायकों ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलकर अपनी बात रखी है. वहीं सीएम अशोक गहलोत ने देर रात कैबिनेट मंत्रियों की मीटिंग ली है.

बता दें कि राजस्थान में कांग्रेस के लगभग दो दर्जन विधायकों ने बीजेपी के खिलाफ सनसनीखेज बयान जारी किया है. उन्होंने बीजेपी पर राज्य की अशोक गहलोत सरकार को गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाया है.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि बीजेपी नेता राज्य में उनकी निर्वाचित सरकार को गिराने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन सरकार स्थिर है, स्थिर रहेगी और पांच साल चलेगी. गहलोत ने यह भी कहा कि बीजेपी के स्थानीय नेता अपने केंद्रीय नेतृत्व के इशारे पर राजस्थान में सरकार को अस्थिर करने का षडयंत्र रच रहे हैं.

गहलोत ने कहा, ‘‘कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ने के लिए मैंने सबको साथ लेकर चलने की कोशिश की. परंतु बीजेपी के नेताओं ने मानवता और इंसानियत की सारी हदें तोड़ दी हैं. एक तरफ तो हम जीवन और आजीविका बचाने में लगे हैं तो दूसरी ओर ये लोग सरकार गिराने में लगे हैं.’’

उन्होंने कहा,‘‘हम लोग जहां महामारी से लड़ाई पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं वहीं ये (बीजेपी नेता) लोग सरकार कैसे गिरे, किस प्रकार से तोड़ फोड़ करें, खरीद फरोख्त करें इन तमाम काम में लगे हैं.’’ गहलोत ने कहा,‘‘राजस्थान में सरकार स्थिर है, स्थिर रहेगी, पांच साल चलेगी और अगला चुनाव जीतने की तैयारी में हम लग गए हैं.’’ गहलोत ने अपने संबोधन में बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां, नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया और उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ का नाम लिया.

गहलोत ने कहा, ‘‘सतीश पूनियां हो, राजेंद्र राठौड़ हों.. ये जिस तरह का खेल खेल रहे हैं राजस्थान में सरकार को गिराने के लिए अपने केंद्रीय नेताओं के इशारे पर … ये तमाम बातें जनता के सामने आ चुकी हैं. जनता समझ चुकी है.’’ क्या वह इन तीनों को मुख्य किरदार मानते हैं यह पूछे जाने पर गहलोत ने कहा,‘‘ये तीन नाम तो मैंने इसलिए लिए क्योंकि तीन पदों पर बैठे हुए हैं इनके जो आका हैं दिल्ली में जिनकी में आलोचना हमेशा करता रहता हूं…चाहे वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हो या गृहमंत्री अमित शाह हों. वो सहन (टॉलरेट) नहीं कर पा रहे मुझे व मेरी सरकार को. इसलिए उनका लक्ष्य पूरा करने में इन तीनों में प्रतिस्पर्धा है.’’ गहलोत ने कहा कि राजस्थान में भी मध्य प्रदेश जैसा माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है.

Related Articles

Back to top button