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कोरोना को लेकर भारत को चिंतित करने वाली खबर! अलग-अलग शहरों में अलग रहेगा पीक

नई दिल्ली. देश भर में कोरोनाय वारस का संक्रमण लगातार तेज़ी से बढ़ रहा है. जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के मुताबिक पिछले दिनों भारत सिर्फ 3 हफ्ते के दौरान ही कोरोना के कुल मरीजों के मामले में छठे से तीसरे नंबर पर पहुंच गया. सरकार की तरफ से कोरोना मरीजों के लिए बेड की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है. इसके अलावा ज्यादा से ज्यादा टेस्ट भी हो रहे हैं. लेकिन सवाल उठता है कि क्या भारत जैसे देश जहां 130 करोड़ लोग रहते हैं क्या उनके लिए ये सारी मेडिकल सुविधाएं पर्याप्त हैं?

कब आएगा कोरोना का पीक?

सबसे पहले अगर कोरोन के ताजा आंकड़ों पर नजर डालें तो रविवार तक भारत में 849,553 लोग इस खतरनाक वायरस से संक्रमित हो चुके हैं. अब तक देश भर में 22674 लोगों की मौत हो चुकी है. हर दिन औसतन ढाई लाख सैंपल की जांच हो रही है. कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारत में कोरोना का पीक अभी आने वाला है. यानी वो दिन अभी आना बाकी है जब एक दिन में सबसे अधिक केस आएंगे. लेकिन डॉक्टर अनंत भान का कहना है कि भारत में एक नहीं कई पीक आ सकते हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली और मुंबई में पीक आ चुका. अब देश के छोटे शहरों में भी कोरोन का पीक दिखने लगा है. डॉक्टर भान का मानना है कि देश में अभी ज्यादा से ज्याद टेस्ट की जरूरत है.

डेटा पर संदेह

पिछले दिनों स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन भी कहा था कि टीवी पर दिखाया जा रहा है कि कोरोना के कुल मामलों में भारत तीसरे नंबर पर पहुंच गया है. लेकिन ये भी देखना चाहिए कि जनसंख्या के मामले में हम दूसरे नंबर पर हैं. हमारे यहां हर 10 लाख लोगों पर सिर्फ 538 मामले आ रहे हैं. जबकि दुनिया में ये औसत 1453 है. वेल्लोर में क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर जयप्रकाश मुलियाल का कहना है कि भारत में वास्तविक संख्या को जानना ‘बिल्कुल असंभव’ है क्योंकि किसी भी तरह की मृत्यु के लिए ज्यादातर जगहों पर कोई रिपोर्टिंग तंत्र नहीं है.

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