उत्तराखंड: कैबिनेट मंत्री पांडेय ने खोला मोर्चा, कहा- सरकार को बदनाम कर रहे अधिकारी, केंद्र से करूंगा शिकायत
देहरादून I हमारी 57 विधायकों के बहुमत की सरकार है, लेकिन निकम्मे अधिकारी उसे बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। मैं दिशाहीन अधिकारियों की शिकायत लेकर केंद्र तक जाऊंगा। अफसरशाही से यह नाराजगी जताने वाले कोई और नहीं प्रचंड बहुमत वाली सरकार के कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडेय हैं।
पांडेय का यह बयान सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। कतिपय अफसरों को लेकर उनकी यह नाराजगी ऐसे वक्त में सामने आई है, जब हालही में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी अफसरशाही को नसीहत दी थी। जिसके बाद मुख्य सचिव को आदेश निकालना पड़ा कि सांसदों और विधायकों के प्रति अफसरों को अदब से पेश आना चाहिए।
अफसरों से नाराज कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडे ने ‘अमर उजाला’ से बातचीत में कहा कि बाजपुर में 20 गांव के हजारों ग्रामीणों को लगभग 1960 में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से भूमिधरी की जमीन आवंटित की गई थी।
करीब 5000 एकड़ जमीन में हजारों किसान बसे हुए हैं। पूरा बाजपुर इस जमीन पर है। इसमें कई राइस मिले हैं, लेकिन कुछ दिशाहीन अधिकारियों ने लोगों की परेशानी को देखे बिना ऐसे आदेश कर दिए हैं, जिससे सरकार को बदनाम किया जा सके।
केंद्र सरकार तक जाएगी बात
उन्होंने कहा कि 57 विधायकों की सरकार को दागदार करने की इन अधिकारियों की कोशिश को सफल नहीं होने दिया जाएगा। बाजपुर में किसानों की एक इंच जमीन भी नहीं लेने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान पहले ही लोगों को कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
ऐसे में इन अधिकारियों की ओर से मानवता दिखाने के बजाय सरकार को बदनाम करने की कोशिश की गई है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि बाजपुर के किसानों की एक-एक इंच जमीन को बचाना और उनके अधिकारों की सुरक्षा करना उनकी जिम्मेदारी है। कहा कि वह इस पूरे मामले को लेकर केंद्र सरकार तक जाएंगे।
यह है मामला
बाजपुर में करीब 5000 एकड़ भूमि पर हजारों लोग बसे हुए हैं। बताया गया है कि जिला स्तरीय अधिकारियों की ओर से भूमि क्रेता को पूर्व में एक नोटिस दिया गया था कि भूमि की लीज पूरी हो चुकी है। जबकि कई लोगों के पास इस भूमि की रजिस्ट्री है भूमि के बेनामे भी हो रखे हैं।
राज्यमंत्री रेखा आर्या भी जता चुकी हैं अफसरशाही पर नाराजगी
ऐसा नहीं है कि कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडे ही अफसरशाही से अकेले नाराज हों। इससे पहले हाल ही में महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास राज्यमंत्री रेखा आर्य भी अफसरशाही पर नाराजगी जता चुकी हैं। विभाग में भ्रष्टाचार की आरोपी एक डिप्टी डायरेक्टर के खिलाफ संतोषजनक कार्रवाई न होने पर मंत्री रेखा आर्य का कहना था कि अधिकारियों की ओर से उनके निर्देश का पूरी तरह से पालन नहीं किया गया। उनका यह भी कहना था कि इस मामले कि वह मुख्यमंत्री से शिकायत करेंगी।