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बैंक एवं डाकघरो मे एफडी धारको के लिए बड़ी खबर, नहीं करा ये काम तो होगा नुकसान

नई दिल्ली. बैंक में या फिर आपने पोस्ट ऑफिस में एफडी कराई है तो आपको फटाफट 15G और 15H फॉर्म जमा (TDS) कर देना चाहिए वरना आपके मुनाफे (ब्याज से आमदनी) पर TDS काट लिया जाएगा. इस फॉर्म को जमा करने की आखिरी तारीख 7 जुलाई है. इन दोनों फॉर्म को टैक्सेशन से बचने के लिए वैसे टैक्सपेयर्स भरते हैं, जो टैक्स के दायरे में नहीं आते हैं. केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के कारण लोगों के सामने पैदा हुईं समस्‍याओं को ध्‍यान में रखते हुए बैंक जमाकर्ताओं को भी राहत दी है. जमाकर्ताओं को फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में देय ब्याज पर टीडीएस से राहत पाने के लिए फार्म-15G और फार्म-15H जमा करना होता है. आयकर विभाग ने इस फॉर्म को भरने की अवधि 7 जुलाई तक बढ़ा दी है. बता दें कि कि एफडी पर मिलने वाले ब्याज पर टीडीएस कटने से बचाने के लिए दोनों फार्म भरने जरूरी होते हैं. अगर जमाकर्ता यह फार्म नहीं भरता है तो बैंक ब्याज की रकम पर 10 फीसदी टीडीएस काट लेता है.

क्यों जरूरी है ये फॉर्म जमा करना

जब किसी फाइनेंशियल ईयर में एफडी पर ब्याज से होने वाली आमदनी एक निश्चित सीमा को पार कर जाती है तो बैंकों को टीडीएस (स्रोत पर कर में कटौती) करना अनिवार्य होता है. इसीलिए जमाकर्ता को फॉर्म 15G या फॉर्म 15H (वरिष्ठ नागरिकों के लिए) यह बताने के लिए स्व-घोषणा पत्र देता होता हैं और उसमें बताना होता है कि उनकी आय टैक्स योग्य सीमा से कम है. खाता धारकों द्वारा फॉर्म 15G और फॉर्म 15H (वरिष्ठ नागरिकों के लिए) यह सुनिश्चित करने के लिए प्रस्तुत किया जाता है कि उनकी आय पर टीडीएस नहीं काटा जाता है.फॉर्म 15G या 15H जमा कर आप ब्याज या किराये जैसी आमदनी पर TDS से बच सकते हैं. इन फॉर्म को बैंक, कॉरपोरेट बॉन्ड जारी करने वाली कंपनियों, पोस्ट ऑफिस या किराएदार इत्यादि को देना पड़ता है.

कौन-कौन जमा सकता है ये फॉर्म

फॉर्म 15G का इस्तेमाल 60 साल से कम उम्र के भारतीय नागरिक, हिंदू अविभाजित परिवार यानी HUF या ट्रस्ट कर सकते हैं. इसी तरह फॉर्म 15H 60 साल से ज्यादा की उम्र के भारतीय नागरिकों के लिए होता है. 15G और 15H की वैधता केवल एक साल के लिए होती है. इन्हें हर साल जमा करने की जरूरत पड़ती है.

अगर टैक्स कट जाए तो कैसे पाए पैसे वापस-

फॉर्म 15G या 15H के जमा करने में विलंब के कारण काटे गए अतिरिक्त TDS का रिफंड केवल इनकम टैक्स रिफंड फाइल कर ही लिया जा सकता है.

SBI में एफडी कराने वाले घर बैठे ये फॉर्म कैसे जमा कर सकते हैं?

ग्राहक ‘ई-सेवाएं’, ’15G / H’ विकल्प चुनें. अब, फॉर्म 15G या फॉर्म 15H चुनें.इसके बाद Customer Information File (CIF) No पर क्लिक करें और सबमिट कर दें. Submit’button पर क्लिक करने के बाद, यह आपको एक पेज पर ले जाएगा, जिसमें कुछ पहले से भरी हुई जानकारी होगी. इसके बाद अन्य जानकारी भरें.

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