उत्तराखंड

उत्तराखंड: पिरूल से बिजली उत्पादन के लिए बनेंगे मॉडल ब्लाक, डीएफओ होंगे योजना के नोडल अफसर

देहरादून । उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में पिरूल से बिजली उत्पादन की अधिक संभावनाओं को देखते हुए प्रत्येक जिले में दो मॉडल ब्लाक बनाए जाएंगे। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने निर्देश पर इन जिलों में डीएफओ को योजना का नोडल अफसर नामित किया जाएगा।

सोमवार को मुख्यमंत्री राज्य सचिवालय में उरेडा से संचालित योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने अधिकारियों को वैकल्पिक ऊर्जा को बढ़ावा देने के निर्देश देते हुए कहा कि पिरूल नीति से बिजली उत्पादन के साथ ही वनाग्नि की समस्या का समाधान भी होगा।

योजना से स्वयं सहायता समूहों और स्वयंसेवी संस्थाओं को भी जोड़ा जाए। स्वयं सहायता समूहों द्वारा जो बिजली के उपकरण बनाए जा रहे हैं, उनकी मार्केटिंग की व्यवस्था हो। विशेष उत्सवों एवं पर्वों पर सरकारी

कार्यालयों में स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दिया जाए।

बैठक में उरेडा कर्मचारियों को भी अटल आयुष्मान योजना का लाभ दिए जाने की अनुमति दी गई। बैठक में प्रमुख सचिव आनंद वर्द्धन, एमडी यूपीसीएल डॉ. नीरज खैरवाल, अपर सचिव उदयराज, विनोद कुमार सुमन एवं उरेडा के अधिकारी उपस्थित रहे।

प्रधानों को दी जाएगी सौर ऊर्जा योजना की जानकारी

मुख्यमंत्री ने कहा कि सौर ऊर्जा स्वरोजगार योजना का रोड मैप शीघ्र तैयार होगा। क्षेत्र पंचायत की बैठकों में ग्राम प्रधानों को सौर ऊर्जा योजना की जानकारी दी जाए। 63 केवीए का संयंत्र लगाने के लिए चिन्हित स्थानों की सूची वाली बुकलेट उन्हें उपलब्ध कराई जाएं, ताकि वे संभावना वाले क्षेत्रों में योजना लागू करने में सहयोग कर सकें।

2021 तक लगेंगे 203 मेगावाट के प्रोजेक्ट

सचिव ऊर्जा राधिका झा ने बताया कि प्रदेश में 272 मेगावाट के सोलर संयंत्र स्थापित हो चुके हैं। वर्ष 2019-20 में 283 विकासकर्ताओं को 203 मेगावाट सौर परियोजनाएं आवंटित की गई है। जिसका कार्य मार्च 2021 तक पूर्ण हो जाएगा।

ये कार्य भी अगले साल तक होंगे पूरे

निदेशक उरेडा कैप्टन आलो शेखर तिवारी ने बताया कि सभी जिलों में 90 प्रतिशत अनुदान पर 19,655 सोलर स्ट्रीट लाइटें लगाने का कार्य मार्च 2021 तक पूरा होगा। सभी जिलों में एक-एक गांव को ‘‘ऊर्जा दक्ष ग्राम’’ के रूप में विकसित करने का काम दिसंबर तक पूर्ण हो जाएगा। एलईडी ग्राम योजना के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस योजना के तहत प्रदेश की लगभग आठ हजार ग्राम पंचायतों में स्ट्रीट लाइट लगाने की योजना तैयार की जा रही है। प्रदेश के सभी सरकारी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में विद्युत की खपत को कम करने के लिए सैकी संस्था के माध्यम से चयनित फर्म 1.899 पैसा प्रति यूनिट की दर पर सोलर पावर प्लांट लगाने को सर्वेक्षण का कार्य कर रही है।

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