उत्तराखंड

अवैध नियुक्तियों को लेकर पूर्व सीएम हरीश रावतने ताेड़ी चुप्पी, जानिए क्या कहा

यूकेएसएसएससी पेपर लीक और अब विधानसभा की नियुक्तियों को लेकर मचे हंगामे पर संभल संभल कर बोल रहे पूर्व सीएम हरीश रावत आज खुलकर आगे आए। रावत ने कहा कि कुछ मामलों में यदि कम बोला जाए तो वो राज्य और विशेष तौर पर नौकरी की लाइन में खड़े लोगों की मदद कर सकता है। बकौल रावत, सीएम विस की नियुक्तियों की खुद भी मॉनटरिंग करें और जो जो नियुक्तियां अवैध तरीके से हुई हैं, उन्हें विधानसभा में प्रस्ताव लाकर कैंसिल करें। ताकि भविष्य में किसी विस अध्यक्ष की ऐसी हिम्मत न पड़े।
रावत काफी गुस्से के साथ अपने मन की बात को अपने सोशल मीडिया पेज पर शेयर किया। रावत ने कहा कहा कि न तो मुझे अपनी राजनीति चमकानी है और न ही कोई ब्रेकिंग न्यूज बनानी है। मैं ऐसा बयान नहीं देना चाहता, जिससे नौजवानों की कमर टूटे। कई दिनों बाद दिल्ली से लौट रहे रावत ने कहा कि भर्ती घोटाले को छिपाने की कोशिश की जा रही है। मामला था सुनियोजित तरीके से राज्य की राजकीय सेवाओं में धन लेकर लोगों को भर्ती कर रहे सिंडीकेट का और अब सारा उत्तराखंड विधानसभा की नियुक्तियों पर सिमट आया है।
यह क्या साबित करता है?नियुक्ति सिंडिकेट के आकाओं से ध्यान हटानेके लिए मुद्दे को भटकाया जा रहा है। रावत ने अपनी खामोशी पर सवाल उठाए जाने पर भी नाराजगी जाहिर की। कहा कि बहुत सारे लोग कह रहे हैं कि मैं चुप क्यों हूँ? इस सवाल को ऐसे उठाया जा रहा है जैसे माफिया सिंडीकेट अपराधी नहीं है। बल्कि फोकस हरीश रावत पर होना चाहिए। रावत ने चुनौती देते हुए कहा कि मेरे सार्वजनिक जीवन के कार्यकाल में एक भी व्यक्ति बता दीजिए कि मेरे नाते-रिश्तेदार को मेरे प्रभाव की वजह से नौकरी मिली हो।

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