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कोविड-19 से जुड़ी जानकारी साझा करने में चीन कर रहा है आनाकानी, इस मामले में WHO के साथ आया भारत

नई दिल्‍ली: कोविड-19 पर चीन की भूमिका हमेशा से सवालों के घेरे में रही है। उस पर दुनिया को इस घातक वायरस के बारे में समय रहते जानकारी नहीं देने का आरोप है, जिसने दुनियाभर में बड़ा स्‍वास्‍थ्‍य संकट पैदा कर दिया तो आर्थिक चुनौतियां भी खड़ी हुईं। चीन पर कोरोना वायरस संक्रमण की उत्‍पत्ति का पता लगाने को लेकर होने वाली जांच में सहयोग नहीं करने का आरोप भी लगता रहा है, जिसे लेकर अब खुद विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने भी चिंता जाहिर की है।

डब्ल्यूएचओ महानिदेशक डॉक्टर टेड्रोस एडहानोम ग्रेब्रेयेसुस ने कोविड-19 के शुरुआती मामलों से जुड़ी जानकारी एकत्र करने में विशेषज्ञों की टीम को चीन में पेश आई मुश्किलों को स्‍वीकार करते हुए उम्‍मीद जताई कि भविष्‍य में इस तरह की परेशानियां पैदा नहीं होंगी। कोविड-19 की उत्पत्ति का पता लगाने को लेकर वुहान में 28 जनवरी से 10 फरवरी तक डब्‍ल्‍यूएचओ विशेषज्ञों द्वारा की गई जांच को लेकर उन्‍होंने कहा, ‘टीम से जो मेरी बातचीत हुई है, उसमें उन्‍होंने रॉ डेटा जुटाने के दौरान पेश आई मुश्किलों का जिक्र किया है। मुझे उम्‍मीद है कि भविष्‍य में यह अधिक व्‍यापक और समयबद्ध तरीके से हो सकेगा।’

डब्‍ल्‍यूएचओ ने क्‍या कहा
डब्‍ल्‍यूएचओ प्रमुख की यह टिप्‍पणी मंगलवार को आई थी, जब इस वैश्विक संस्‍था ने कोरोना वायरस की उत्‍तपत्ति को लेकर वुहान में जनवरी-फरवरी में की गई करीब 14 दिनों की अपनी उस जांच रिपोर्ट का ड्राफ्ट जारी किया था। डब्‍ल्‍यूएचओ की टीम ने हालांकि कोरोना वायरस संक्रमण की उत्‍पत्ति को लेकर इस परिकल्‍पना से इनकार किया है कि यह लेबोरेट्री में ‘चूक’ के कारण पैदा हुआ मानवीय संकट है, लेकिन इस दिशा में भविष्‍य में और जांच किए जाने पर जोर दिया है।

डब्‍ल्‍यूएचओ का यह भी कहना है कि संभव है कि कोविड-19 वायरस से पहले कोई जानवर संक्रमित हुआ और उसने किसी अन्‍य जीव-जंतु को इससे संक्रमित किया हो, जिसके बाद इंसान उससे संक्रमित हुआ हो। इसके लिए चमगादड़, पैंगोलिन जिम्‍मेदार हो सकते हैं। लेकिन इस बारे में अभी कुछ भी ठीक-ठीक नहीं कहा जा सकता। इस दिशा में अभी और जांच किए जाने की आश्‍वयकता है।

भारत का डब्‍ल्‍यूएचओ को समर्थन
अब भारत ने डब्‍ल्‍यूएचओ का इस मामले में पूरा समर्थन किया है, जिसमें चीन की ओर से कोविड-19 पर शुरुआती रॉ डेटा शेयर करने में आनाकानी और देरी पर चिंता जताते हुए कहा गया है कि उसे भविष्‍य में इस दिशा में होने वाली जांचों को लेकर ‘पूर्ण, मूल डेटा और नमूनों’ तक निर्धारित समय के भीतर पहुंच हासिल करने की उम्‍मीद है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता अरिंदम बागची ने कहा कि कोविड-19 से जुड़े शुरुआती रॉ डेटा को लेकर डब्‍ल्‍यूएचओ प्रमुख की चिंताओं और भविष्‍य में होने वाली जांच को लेकर उनकी आशाओं का भारत समर्थन करता है। भारत इसके लिए अतिरिक्‍त मिशन भेजने का का भी स्‍वागत करता है।

भारत की यह प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है, जबकि अमेरिका, जापान सहित 14 देशों ने कोविड-19 की उत्‍पत्ति का पता लगाने के लिए 17 अंतरराष्‍ट्रीय और 17 चीनी विशेषज्ञों नेतृत्‍व में हुई डब्‍ल्‍यूएचओ की जांच को लेकर कई तरह की चिंताएं जताई हैं और कहा है कि इस संक्रामक वायरस से जुड़ी ‘पूर्ण, मूल डेटा और सैंपल्‍स’ तक पहुंचने में डब्‍ल्यूएचओ की टीम को बहुत देरी हुई है।

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