उत्तराखंड

सत्ता के गलियारे से : खामोश, नेताजी तो पार्टी के संकटमोचक हैं

देहरादून। सियासी बिसात पर एक-दूसरे को शह-मात देने के लिए तमाम हथकंडे आजमाए जाते हैं, मगर उत्तराखंड की सियासत में ऐसा कुछ हुआ, जैसा शायद अब तक नहीं हुआ था। गुजरे हफ्ते भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे यशपाल आर्य दिल्ली में कांग्रेस में वापस लौट गए। वह पांच साल पहले कांग्रेस से भाजपा में आए थे। इस दौरान विधायक उमेश शर्मा काऊ भी देहरादून से दिल्ली पहुंचे। पार्टी में शामिल होने से पहले आर्य, राहुल गांधी से मुलाकात करने गए। काऊ साथ थे, मगर फिर कांग्रेस मुख्यालय पहुंचकर विधायक काऊ गायब हो गए। कुछ देर बाद उनकी तस्वीर भाजपा नेताओं के साथ इंटरनेट मीडिया में वायरल हो गई। लौटकर काऊ ने जो राज खोला, वह सच में चौंकाने वाला था। उनका कहना था कि भाजपा के संकटमोचक बनकर वह आलाकमान के कहने पर आर्य को रोकने की कोशिश कर रहे थे, कांग्रेस में लौटने की उनकी कोई योजना नहीं थी।

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