Corona के कम होते नए मामलों के बाद आज से राजधानी दिल्ली के साथ इन चार राज्यों में खुले स्कूल-कॉलेज
School Re-opening: कोरोना के कम होते मामलों के बीच दिल्ली के साथ ही देश के चार अन्य राज्यों में स्कूल और कॉलज आज से खुल गए हैं. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 9वीं से 12वीं तक के स्कूल फिर से खुल रहे हैं. इसके साथ ही, कॉलेज, जिम और स्पा भी आज से खुल गए. कोविड-19 के मामलों में बढोतरी होने के कारण दिसंबर में उन्हें बंद कर दिया गया था. हालांकि, स्कूली क्षेत्र से जुड़े हितधारकों ने पठन पाठन के ‘हाइब्रिड मॉडल’ को लेकर कुछ सवाल भी उठाए हैं. उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में डीडीएमए की बैठक के बाद शुक्रवार को इस पर फैसला किया गया था. इस दौरान कोचिंग इंस्टीट्यू खोलने पर भी सहमति बनी थी. दिल्ली में हालांकि नाईट कर्फ्यू नहीं हटाया गया है लेकिन समय रात 10 बजे से बढ़ाकर 11 बजे कर दिया गया है. मतलब अब से दिल्ली में रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक ही नाइट कर्फ्यू होगा.
कई शिक्षकों और अभिभावकों ने बताया कि जब ऑनलाइन शिक्षण विकल्प के कारण स्कूलों को फिर से खोला गया था तब उपस्थिति कम थी और यदि प्रत्यक्ष कक्षाएं पूरी तरह से फिर से शुरू नहीं की गईं तो पठन-पाठन के नुकसान की भरपाई करना मुश्किल होगा. दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने शुक्रवार को सात फरवरी से कक्षा 9वीं से 12वीं तक के लिए स्कूलों के साथ-साथ उच्च शैक्षणिक संस्थानों और कोचिंग सेंटर को फिर से खोलने का फैसला किया था. इसके साथ ही 14 फरवरी से नर्सरी से 8वीं तक की कक्षाएं फिर से शुरू करने का भी फैसला किया गया.
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गुजरात में पहली से नौवीं कक्षा तक के लिये स्कूल सोमवार से खुलेंगे
गुजरात में कोविड के नए मामले घटने पर गुजरात सरकार ने सात फरवरी से पहली से नौवीं कक्षा तक के लिये स्कूलों को फिर से खोलने की शनिवार को घोषणा की. शिक्षा विभाग द्वारा जारी एक परिपत्र में कहा गया है कि कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए सरकारी, निजी और अनुदान प्राप्त स्कूल सोमवार से पहली से नौवीं कक्षा के लिए ऑफलाइन पढ़ाई फिर से शुरू कर सकते हैं. हालांकि, ऑनलाइन शिक्षण पहले की तरह जारी रहेगा.
विद्यार्थी अपनी इच्छा से किसी भी माध्यम का चयन कर सकते हैं. पिछले साल दिसंबर में कोरोना वायरस संक्रमण तेजी से बढ़ने के बाद इन कक्षाओं के लिए ऑफलाइन पढ़ाई को निलंबित कर दिया गया था. गुजरात में शुक्रवार को कोविड के 6,097 नए मामले दर्ज किए गए. यह संख्या 20 जनवरी को दर्ज किए गए सर्वाधिक मामलों के बाद से सबसे कम है. गत 20 जनवरी को राज्य में कोविड-19 के 24,485 मामले सामने आए थे.
केरल में 10वीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए फिर से खुलेंगे स्कूल
केरल में कोविड-19 के मामलों में कमी आने के साथ ही राज्य सरकार ने सात फरवरी से 10वीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए स्कूलों को फिर से खोलने की घोषणा की है. मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी की गयी एक विज्ञप्ति के मुताबिक, सात फरवरी से 10वीं, 11वीं और 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए स्कूलों को फिर से खोल दिया जाएगा. इसके अलावा कॉलेजों में भी ऑफलाइन कक्षाओं को शुरू किया जाएगा.
विज्ञप्ति के मुताबिक, पहली कक्षा से नौवीं कक्षा तक के बच्चों तथा क्रेच और किंडरगार्टन के बच्चों की कक्षाएं 14 फरवरी से शुरू होंगी. मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन की अध्यक्षता में हुई कोविड-19 की समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया. धार्मिक स्थलों पर अब केवल 20 लोगों को ही अनुमति दी जाएगी. विज्ञप्ति के मुताबिक, अट्टुकल मंदिर में पोंगल के लिए कुल 200 लोगों को अनुमति दी जाएगी. बाकी लोग अपने आवास पर पोंगल की प्रक्रिया पूरी करेंगे.
बंगाल में सात फरवरी से कक्षा सात तक खुले में चलेंगी कक्षाएं
पश्चिम बंगाल में आज से कक्षा आठ से 12 तक के स्कूल खुलने के साथ ही राज्य सरकार ने एक अधिसूचना जारी की है जिसके अनुसार, महामारी की स्थिति को देखते हुए सात फरवरी से हर मोहल्ले में प्राथमिक से कक्षा सात तक के बच्चों के लिए खुले में शिक्षा सत्र आयोजित किये जाएंगे. स्कूली शिक्षा विभाग की ओर से जारी एक अधिसूचना में कहा गया कि ‘पाड़ाय शिक्षालय’ (मोहल्ले में शिक्षा केंद्र) नामक परियोजना के तहत शब्द ज्ञान, अंकगणित, कहानी सुनाना, कविता, गायन और नृत्य तथा अन्य विषयों की कक्षाएं संचालित होंगी.
मंगलवार को जारी अधिसूचना के अनुसार, कोविड सुरक्षा नियमों का पालन करते हुए दो पालियों में- सुबह 11 बजे से दोपहर एक बजे तक और दोपहर डेढ़ बजे से साढ़े तीन बजे तक कक्षाएं संचालित की जाएंगी. शिक्षा मंत्री व्रात्य बसु ने कहा कि ‘पाड़ाय शिक्षालय’ परियोजना में 50,159 स्कूल शामिल होंगे जिसमें स्कूल की इमारत के पास वाले खुले मैदान में कक्षाएं संचालित होंगी. उन्होंने बताया कि वहां दो लाख नियमित शिक्षक और 21 हजार निविदा शिक्षक बच्चों को पढ़ाएंगे. उन्होंने कहा कि इससे लगभग 60 लाख बच्चों को फायदा होगा। शिक्षाविद पवित्र सरकार ने कहा कि इस परियोजना से कोई सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, ऐसा नहीं लगता.