उत्तराखंड

सैनिटाइजर पर माहौल गर्म, निगम के विरुद्ध दुष्प्रचार पर भड़के सफाई कर्मी; महापौर ने बैठाई जांच

देहरादून। नगर निगम में लॉकडाउन के दौरान सैनिटाइजर खरीद में लगे कथित गड़बड़ी के आरोपों पर शुक्रवार को माहौल गरमा गया। नगर निगम के विरुद्ध दुष्प्रचार करने का आरोप लगाकर सफाई कर्मचारी भड़क उठे व स्वास्थ्य अनुभाग में कामकाज ठप कर नगर आयुक्त कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया। वहीं, कांग्रेस के पार्षदों द्वारा सैनिटाइजर खरीद की जांच की मांग लेकर धरना दिया गया। इस दौरान स्थिति टकराव की भी बनी रही। महापौर सुनील उनियाल गामा ने मास्टर स्ट्रोक चलते हुए कांग्रेस के पार्षद व निगम में नेता प्रतिपक्ष डा. बिजेंद्र पाल सिंह को ही जांच की जिम्मेदारी सौंप दी। डा. पाल को यह अधिकार भी दे दिए गए कि वह अपनी मर्जी से जांच कमेटी में अधिकारी व पार्षदों को बतौर सदस्य रखने का निर्णय कर सकते हैं।

सूचना के अधिकार के तहत नगर निगम से ली जानकारी के आधार पर मीडिया के एक वर्ग ने सैनिटाइजर की खरीद में वित्तीय घोटाले का आरोप लगाकर खबर प्रकाशित की थी। इसमें जिक्र किया गया कि कोरोना के लॉकडाउन के दौरान नगर निगम ने 60 रुपये प्रति लीटर की दर पर दून के माजरा स्थित एक फर्म से सोडियम हाइपोक्लोराइट की खरीद की। आरोप है कि इसकी कीमत 12 रुपये प्रति लीटर थी। बाद में निगम की ओर से इस दर पर भी खरीद की गई। नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने इस संबंध में स्पष्ट किया था कि लॉकडाउन में परिवहन सेवा बंद होने व आपात स्थिति में स्थानीय बाजार से इसे 60 रुपये की दर पर खरीदा गया था, जबकि बाद में निगम ने कोटा से सिर्फ परिवहन शुल्क वहन कर मुफ्त में भी सैनिटाइजर लिया।

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