आगे कोई टूट-फूट न हो, इसे लेकर भाजपा सतर्क; पार्टी नेतृत्व जुट गया मंथन में

देहरादून। कैबिनेट मंत्री रहे यशपाल आर्य और उनके पुत्र संजीव के कांग्रेस में शामिल होने से लगे सियासी झटके के मद्देनजर भाजपा अब अधिक सतर्क हो गई है। आगे और टूट-फूट न हो, इसे लेकर पार्टी नेतृत्व मंथन में जुट गया है। साथ ही विधायकों को सहेजने के लिए सरकार से लेकर संगठन तक सक्रिय हुए हैं। सूत्रों के मुताबिक पार्टी अपने विधायकों के संबंध में उनके नजदीकी व्यक्तियों के साथ ही कार्यकर्त्ताओं से फीडबैक ले रही है। फीडबैक के आधार पर विधायकों से पार्टी के विभिन्न कार्यक्रमों के बहाने बड़े नेताओं द्वारा संपर्क भी साधा जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि गुरुवार को प्रांतीय पदाधिकारियों की बैठक बुलाई गई है, जिसमें ताजा घटनाक्रम पर विमर्श तो होगा ही, इस तरह की रणनीति बनाई जाएगी कि कोई पार्टी में सेंधमारी न कर सके।
आगामी विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने ही पालाबदल की कवायद शुरू की। पार्टी ने कांग्रेस के एक व दो निर्दलीय विधायकों को अपने पाले में खींचा। लिहाजा, अब बारी कांग्रेस की थी और उसने पुराने कांग्रेसी और प्रदेश की मौजूदा भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य व उनके पुत्र विधायक संजीव आर्य की घर वापसी कराकर भाजपा को झटका दिया। आर्य वर्ष 2017 में भाजपा में शामिल हुए थे।