गोदियाल को स्थापति करने को जय श्री गणेश का दांव, पैदा हुआ विवाद; जानिए पूरा मामला

देहरादून। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने अपने विश्वस्त गणेश गोदियाल को प्रदेश कांग्रेस की कमान दिलवा कर पहले मोर्चे पर तो बाजी मार ली, मगर अब गोदियाल के चेहरे और नाम को घर-घर पहुंचाने का उनका दांव विवादों में घिर गया है। पार्टी के सभी कार्यक्रमों की शुरुआत जय श्री गणेश उद्घोष से करने की मंशा के पीछे असल कारण यही माना जा रहा है कि इस तरह वह विधानसभा चुनाव से पहले गणेश गोदियाल की राज्यव्यापी छवि गढ़ना चाहते हैं। यहां तक तो ठीक, मगर अब जिस तरह उन्होंने इंटरनेट मीडिया में गोदियाल का भगवान की वेशभूषा में शस्त्रों के साथ चित्रित पोस्टर जारी किया, उस पर गहरी आपत्ति जताते हुए भाजपा ने रावत से सार्वजनिक माफी मांगने की मांग कर डाली है।
मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने का पैंतरा
हरीश रावत उत्तराखंड ही नहीं, देश की राजनीति में भी कांग्रेस का एक बड़ा चेहरा माने जाते हैं। राजनीतिक दांवपेच के माहिर रावत पंजाब के कांग्रेस प्रभारी भी हैं। पंजाब की ही तर्ज पर उन्होंने कांग्रेस हाईकमान को उत्तराखंड में भी एक अध्यक्ष व चार कार्यकारी अध्यक्ष का फार्मूला अमल में लाने को राजी कर लिया। हालांकि, कांग्रेस ने गुटबाजी को थामने के लिए यह कदम उठाया, मगर इसके जरिये हरीश रावत उत्तराखंड कांग्रेस में अपने विरोधियों को पटखनी देने में कामयाब रहे। प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए गणेश गोदियाल रावत के नजदीकी हैं, इसके अलावा चार कार्यकारी अध्यक्ष में से कम से कम दो भी उन्हीं के खेमे के हैं। हरीश रावत लगातार पार्टी से मांग करते रहे हैं कि कांग्रेस विधानसभा चुनाव में जाने से पहले मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करे। दरअसल, वर्तमान में वही उत्तराखंड में कांग्रेस का सबसे बड़ा चेहरा हैं।