गुजरात

अधर में एमओयू / एयरपोर्ट पर 360 सीआईएसएफ जवानों की तैनाती अभी नहीं, एएआई ने कहा- हमारे पास फंड नहीं, अगले साल देखेंगे

सूरत. पिछले साढ़े तीन सालों से सीआईएसएफ नियुक्ति की मांग अब पूरी हो गई थी, लेकिन अब एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) ने इसपर खुद विराम लगा दिया। एएआई ने सीआईएसएफ (केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल) के डायरेक्टर जनरल को पत्र लिखकर कहा कि कोरोना काल में फंड की कमी हो जाने से फिलहाल सीआईएसएफ जवानों की नियुक्ति अभी नहीं हो सकेगी। अभी गुजरात पुलिस के जवान सूरत एयरपोर्ट पर सुरक्षा में लगे हुए हैं। एएआई ने कहा कि स्थिति सामान्य हो जाने के बाद ही इस पर फैसला लिया जाएगा। सूरत एयरपोर्ट पर सीआईएसएफ के 360 जवानों की नियुक्ति होनी थी। पिछले महीने केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीआईएसएफ मुख्यालय को इसकी मंजूरी दी थी।

44 करोड़ रुपए सालाना होते खर्च
सूरत एयरपोर्ट पर कुल 360 सीआईएसएफ जवानों के नियुक्ति को लेकर जुलाई में एएआई और सीआईएसएफ के बीच मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग हस्ताक्षर किया जाना था। इसके बाद जवानों की ट्रेनिंग और इंडक्शन तय किया जाना था। जवानों के वेतन में हर महीने तीन करोड़ का खर्च आना था और सालाना 44 करोड़ का खर्च होना तय था। इसका वहन एएआई को करना था। तीन साल के बाद कड़ी मशक्कत कर सीआईएसएफ की मंजूरी मिली थी लेकिन अब अगले साल मार्च 2021 में इस पर विचार किया जाएगा।

ऐसे मिली थी मंजूरी
पिछले साल 16 फरवरी को शुरू हुई शारजाह फ्लाइट के दो दिन पहले ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन ने एयरपोर्ट का सुरक्षा संबंधी निरीक्षण किया था। इस निरीक्षण में उन्होंने एयरपोर्ट की सुरक्षा राज्य की रिजर्व पुलिस फोर्स के कंट्रोल में है इसकी रिपोर्ट बनाकर केंद्र सरकार को भेजी थी और बढ़ी फ्लाइट पैसेंजर ट्रैफिक के आधार पर यहां सीआईएसएफ नियुक्ति की जरूरत बताई थी। उसके बाद तमाम सर्वे के बाद गृह मंत्रालय से मंजूरी मिली थी।

अब ये प्रोसेस होना था
360 जवानों की मंजूरी मिलने के बाद एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया और सीआईएसएफ के बीच 15 दिनों के भीतर एमओयू पर हस्ताक्षर किया जाना था। इसमें तैनात होने वाले जवानों के लिए रेजिडेंशियल क्वाॅर्टर कहां बनेगा इस पर प्लान किया जाना था। अभी सूरत एयरपोर्ट पर रिहायशी इमारतें नहीं बनी हैं, जिसमें सीआईएसएफ को रखा जा सके।

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