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उत्तराखंड : चार धाम यात्रा की नैनीताल हाईकोर्ट ने दी मंजूरी, यात्रियों को लानी होगी कोरोना नेगेटिव एवं वैक्सीनेशन का रिपोर्ट।

यात्रियों को लानी होगी कोरोना नेगेटिव एवं वैक्सीनेशन का रिपोर्ट, सीमित संख्या में मिलेगी यात्रा करने की अनुमति

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नैनीताल हाईकोर्ट ने आज एक बड़ा फैसला देते हुए चार धाम यात्रा पर लगी रोक को कुछ खास शर्तों के साथ हटा दिया है। इसके साथ ही अब उत्तराखंड में चार धाम यात्रा शुरू होने की राह खुल गई है।
यह है यात्रा शुरू करने के लिए खास शर्तें
उच्च न्यायालय ने चारधाम यात्रा पर लगाई गई रोक को कुछ प्रतिबंधों के साथ हटा दिया गया है। मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने केदारनाथ धाम में दैनिक 800 भक्त या यात्रियों, बद्रीनाथ धाम में 1200, गंगोत्रि में 600, यमनोत्री धाम में कुल 400 यात्री जाने की अनुमति दी गय है।
यात्रियों को अनिवार्य तौर पर कोविड नेगेटिव रिपोर्ट और दो कोरोना वैक्सीन का सर्टिफिकेट ले जाना होगा। चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में होने वाली चारधाम यात्रा के दौरान आवयश्यक्तानुसार पुलिस फोर्स लगाने को कहा है। भक्त किसी भी कुंड में स्नान नहीं कर सकेंगे।
कोरोनावायरस संबंधी सुरक्षा कारणों का हवाला देकर लगाई गई थी रोग
मालूम हो कि कोरोनावायरस को देखते हुए 26 जून को नैनीताल हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने चार धाम की यात्रा पर रोक लगा दी थी।
इस दौरान लॉकडाउन में दी गई रियायत को देखते हुए राज्य सरकार ने चार धाम यात्रा को भी कुछ शर्तों के साथ शुरू करने का ऐलान किया था लेकिन कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद यात्रा शुरू करने का फैसला वापस लेना पड़ा था। अदालत का कहना था कि यात्रा शुरू करने के लिए सरकार के पास व्यापक सुरक्षा व्यवस्थाएं नहीं है।
यही नहीं चार धाम यात्रा को संचालित किए जाने को लेकर राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट में अधिक समय लगने की वजह से राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी को वापस ले लिया था और 10 सितंबर को हाईकोर्ट में अनुरोध पत्र दाखिल किया था। जिस पर हाईकोर्ट ने 16 सितंबर को सुनवाई करने की बात कही थी।

नैनीताल हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद अब उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही चारधाम यात्रा मार्ग पर कुछ रौनक नजर आएगी और चार धाम यात्रा से रोजी रोटी कमाने वालों का भी कुछ भला हो पाएगा। उधर राज्य सरकार के लिए भी कोर्ट की शर्तों के अनुसार यात्रा को संपन्न कराने की चुनौती है।

 

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