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पंजाब में 32 किसान संगठनों ने राजनीतिक दलों को बैठक के लिए बुलाया, BJP को नहीं दिया न्यौता

चंडीगढ़. केंद्र के कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों ने शुक्रवार को राजनीतिक दलों की एक बैठक बुलाई है, ताकि उन पर पंजाब विधानसभा चुनावों की घोषणा होने तक चुनावी प्रचार न करने का दबाव डाला जा सके. भाजपा को इस बैठक के लिए नहीं बुलाया गया है. पंजाब विधानसभा के चुनाव अगले साल की शुरुआत में होने हैं. जम्हूरी किसान सभा के महासचिव कुलवंत सिंह संधू ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि किसान संगठनों ने शुक्रवार को सभी राजनीतिक दलों की बैठक बुलाई है. उन्होंने कहा कि तीन कृषि कानूनों का समर्थन करने वाली भाजपा को बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से कहा जाएगा कि वे चुनाव की घोषणा होने तक चुनाव प्रचार में शामिल न हों या राजनीतिक रैलियां न करें क्योंकि इससे चल रहे किसान संघर्ष को नुकसान पहुंच सकता है.

शिरोमणि अकाली दल ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने बैठक में भाग लेने के लिए बलविंदर सिंह भुंदर, प्रेम सिंह चंदूमाजरा, महेश इंदर सिंह ग्रेवाल और दलजीत सिंह चीमा को प्रतिनियुक्त किया है. आम आदमी पार्टी के विधायक कुलतार सिंह संधवान ने कहा कि शुक्रवार को किसान संगठनों द्वारा बुलाई गई बैठक में पार्टी के प्रतिनिधि भाग लेंगे.

शिअद ने रोक दिया था अभियान
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने गत छह सितंबर को सभी 32 किसान संगठनों को अपने चुनावी कार्यक्रम ‘गल पंजाब दी’ के संबंध में सभी ‘भ्रमों’ को दूर करने के मकसद से उसके साथ बातचीत करने के लिए एक समिति गठित करने को आमंत्रित किया था. शिअद ने केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को अकालियों के ‘निरंतर समर्थन’ को दोहराने के लिए किसानों के साथ बातचीत करने के वास्ते एक समिति का गठन किया था.

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