कृषि कानून के खिलाफ पंजाब में किसानो का आन्दोलन जारी, आज केंद्र सरकार से होगी बातचीत
ये मुलाकात करीब 11:30 बजे होगी. इस दौरान केंद्र सरकार प्रदर्शनकारी किसानों को अपना पक्ष बताएगी और उन्हें भरोसे में लेने की कोशिश करेगी. इसके बाद किसान संगठन आगे की रणनीति तय करेंगे.
15 अक्टूबर को पंजाब सरकार के साथ किसान संगठनों की बैठक होगी. लेकिन इस बैठक से पहले किसानों ने पंजाब सरकार को अल्टीमेटम दिया है कि वो 14 अक्टूबर को होने वाली कैबिनेट मीटिंग में केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ एक विशेष विधानसभा सत्र बुलाने की तारीख तय करे.
इसके बाद ही आंदोलन खत्म करने को लेकर पंजाब सरकार के डेलिगेशन के साथ 15 अक्टूबर को किसान संगठन मीटिंग करेंगे.
पंजाब में हो सकती है बिजली की किल्लत
इधर पंजाब में किसानों का प्रदर्शन अब एक नई मुश्किल खड़ी कर रहा है. दरअसल पंजाब के तमाम थर्मल प्लांट कोयले की सप्लाई के लिए पश्चिम बंगाल और झारखंड पर आश्रित हैं. लेकिन प्रदर्शनकारी किसानों ने रेलवे ट्रैक पर कब्जा कर लिया है, इस वजह से कोयले का परिवहन नहीं हो पा रहा है. ऐसे में पंजाब के थर्मल प्लांट के पास आवश्यक कोयले की भारी कमी हो चुकी है.
कहीं 4 दिन तो कहीं 5 दिन का बचा कोयला
पंजाब के नाभा पावर प्लांट में 5 दिन का कोयला बचा है तो जेबीके पावर प्लांट में आधे दिन का कोयला बचा है और तलवंडी साबो पावर प्लांट में 2 दिन का कोयला बचा है.
इसी तरह रोपड़ थर्मल प्लांट में 5 दिन का कोयला बचा है और लहरा मोहब्बत थर्मल प्लांट में भी 5 दिन का कोयला बचा है.
पंजाब के पांच थर्मल प्लांट में रोजाना लगभग 4000 मेगावाट बिजली पैदा की जाती थी, लेकिन अब इसे कम करके 2000 मेगावाट कर दिया गया है. और यदि पंजाब के थर्मल प्लांट को समय पर कोयले की सप्लाई न हुई तो हालात और बिगड़ सकते हैं.
कानून बदलने तक जारी रहेगा प्रदर्शन- किसान संगठन
इधर पंजाब के किसानों ने साफ कर दिया है कि जब तक केंद्रीय कृषि कानूनों पर केंद्र सरकार यू-टर्न नहीं लेती तब तक उनका प्रदर्शन ऐसे ही जारी रहेगा.
वहीं इस पूरे मामले पर पंजाब सरकार के मंत्री तृप्त राजेंद्र सिंह बाजवा ने कहा कि केंद्र सरकार को इस मामले में जल्द ही कोई ठोस फैसला लेना होगा नहीं तो पंजाब में स्थिति बिगड़ सकती है. उन्होंने कहा कि किसान अगर ऐसे ही रेल यातायात को ठप करके बैठे रहे तो पंजाब के थर्मल प्लांटों में बिजली उत्पादन का काम भी ठप पड़ सकता है.