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कोरोना ‘डेल्टा वैरियंट’ को लेकर WHO ने चेताया कहा-विश्व के लिए अब चिंता का विषय बन गया

नई दिल्ली: देश दुनिया में कोरोना वायरस के मामले एक बार फिर से तेजी से सिर उठा रहे हैं इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एक बार फिर दुनिया को चेताया है संस्था का कहना है कि कोरोना का डेल्टा स्वरूप (Delta Variant) विश्व के लिए अब चिंता का विषय बन गया है यह कोरोना के अन्य स्वरूपों की तुलना में काफी तेजी से फैल रहा है इस पर ध्यान देने की बेहद सख्त जरूरत है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन- दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डॉ पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा कि कोरोनावायरस का डेल्टा संस्करण जल्द ही दुनिया भर में कोविड -19 का सबसे प्रमुख तनाव बन जाएगा। कोरोनावायरस का डेल्टा संस्करण अब सौ से अधिक देशों में फैल गया है। जिस तरह से यह फैल रहा है, यह जल्द ही विश्व स्तर पर सबसे प्रभावशाली स्ट्रेन बन जाएगा। डेल्टा वैरियंट कथित तौर पर यूके, यूएस, सिंगापुर और कई अन्य देशों में पहुंच गया है।

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस का डेल्टा स्वरूप जिस तरह से फैल रहा है ऐसे में ये जल्द ही विश्व स्तर पर फैलने वाला सबसे प्रमुख कोविड-19 स्ट्रेन बन जाएगा। चिंता की बात यह है कि कोरोना के सभी स्वरूपों में डेल्टा स्वरूप सबसे तेजी से फैलता है।

“80 प्रतिशत नए मामलों के लिए वायरस का डेल्टा वैरियंट जिम्मेदार”
देश में कोविड-19 की दूसरी लहर के लिए कोरोना वायरस का डेल्टा स्वरूप मुख्य रूप से जिम्मेदार था जिसके कारण संक्रमण के 80 प्रतिशत से ज्यादा नए मामले सामने आए। ‘सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम’ के सह अध्यक्ष डॉ एन के अरोड़ा ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अगर वायरस का कोई अधिक संक्रामक स्वरूप आता है तो संक्रमण के मामले बढ़ सकते हैं।

अपने पूर्ववर्ती अल्फा स्वरूप से 40-60 प्रतिशत ज्यादा संक्रामक है
वायरस का डेल्टा स्वरूप, अपने पूर्ववर्ती अल्फा स्वरूप से 40-60 प्रतिशत ज्यादा संक्रामक है और ब्रिटेन, अमेरिका तथा सिंगापुर समेत 80 से ज्यादा देशों में पहले ही फैल चुका है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, डॉ अरोड़ा ने कहा कि ‘डेल्टा प्लस’ स्वरूप (एवाई.1 और एवाई.2) अब तक महाराष्ट्र, तमिलनाडु और मध्य प्रदेश समेत 11 राज्यों में सामने आए 55-60 मामलों में पाया गया है।

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