कोरोना मरीज़ों की कम होती संख्या के बीच क्यों बढ़ रहे हैं मौत के आंकड़ें?

नई दिल्ली. भारत में बीते कुछ दिनों से रोज मिल रहे कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में गिरावट दर्ज की जा रही है. हालांकि, नए मरीजों की संख्या भले ही कम हो रही है, लेकिन मौत के आंकड़ों में तेजी बरकरार है. सोमवार को देश में एक दिन में सबसे ज्यादा 4,329 मौतें हुईं. मौत के लिहाज से महामारी के बीच यह महीना सबसे ज्यादा घातक साबित हुआ है. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि घटते मामले और बढ़ती मौतों के पीछे कई कारण हो सकते हैं.
द इंडियन एक्स्प्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, 12 दिन बीत चुके हैं, जब देश में मरीजों का रिकॉर्ड आंकड़ा दर्ज किया गया था. इसके बाद से ही नए मरीजों की संख्या में गिरावट जारी है. आमतौर पर मौत के आंकड़ों में कमी आने में दो हफ्तों का समय लगता है. ऐसे में यह अनुमान लगाया जा सकता है कि कुछ दिनों में मौत की संख्या में गिरावट आएगी, लेकिन इस दौरान मौत की गिनती बढ़ने की भी संभावना है.
ऐसा इसलिए भी हो सकता है, क्योंकि कई राज्यों में नई मौतों में कुछ दिनों और हफ्तों पहले के भी आंकड़े शामिल किए गए हैं. उदाहरण के तौर पर महाराष्ट्र को देखें, तो सोमवार को 1,019 से ज्यादा मौतें हुईं. इनमें से 289 मौतें शनिवार से सोमवार के बीच हुईं, जबकि, 227 लोगों ने इससे एक हफ्ते पहले जान गंवाई थी. वहीं, 484 मौतों को एक हफ्ते से भी ज्यादा का समय गुजर चुका है, लेकिन इन्हें राज्य के आंकड़ों में शामिल नहीं किया गया था. राज्य में मौत के 19 ऐसे मामले भी दर्ज किए गए, जहां कोविड-19 की मौत का कारण दूसरी बीमारियां बनी.
अन्य राज्यों में भी मौत के पिछले आंकड़ों को शामिल किया गया है. मृत्यु के आंकड़ों को दर्ज करने में प्रशासनिक स्तर पर विलंब होता, जिसकी अवधि बढ़कर हफ्तों तक जा सकती है. उदारण के तौर पर, कर्नाटक में हुईं 476 मौतों में मार्च की कुछ संख्या को शामिल किया था. इनमें से कई अप्रैल की भी थीं. फिलहाल चार राज्यों- महाराष्ट्र, कर्नाटक, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में औसतन हर रोज कम से कम 300 मौतें हो रही हैं. मंगलवार को उत्तराखंड जैसे छोटे राज्य में 223 मौत हुईं. अब इनमें से 80 पिछले दिनों के है.
12 राज्यों में 100 या इससे ज्यादा मौतें दर्ज की जा रही हैं. इस महीने की शुरुआत में कोविड-19 के चलते 66 हजार 866 मरीजों की मौत हो गई. इस लिहाज से यह महामारी का सबसे घातक महीना साबित हुआ. वहीं, अप्रैल में 70 लाख करीब लोग संक्रमित हुए. इस दौरान करीब 49 हजार लोगों की मौत हुई. हालांकि, अप्रैल की मृत्यु दर का असर अब सामने आ रहा है.