उत्तराखंड

हरिद्वार दुष्कर्म-हत्या केस: खुद को छुड़ाने के लिए आखिरी सांस तक लड़ी मासूम, शरीर पर मिले संघर्ष के कई निशान 

हरिद्वार की एक कॉलोनी में हुई 11 वर्षीय मासूम की हत्या के मामले में अब पोस्टमार्टम के बाद दुष्कर्म की बात सामने आई है। जानकारी के अनुसार, बच्ची ने रस्सी से बंधे होने के बावजूद स्वयं को छुड़ाने के लिए काफी देर तक संघर्ष किया। बच्ची के शरीर पर संघर्ष के कई निशान भी मिले हैं।

जिला अस्पताल के चार चिकित्सकों के पैनल ने सोमवार को दरिंदगी का शिकार हुई बच्ची का पोस्टमार्टम किया। पूरी पोस्टमार्टम प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की गई। दुष्कर्म में कितने लोग शामिल रहे इसको लेकर अभी संशय बना हुआ है। चिकित्सकों ने मृतक बच्ची के वेजाइनल स्वैब को फोरेंसिक जांच के लैब में भेज दिया है।

रविवार शाम करीब छह बजे बच्ची की हत्या हुई थी। सूत्रों के अनुसार चिकित्सकीय टीम को बच्ची के शरीर और अंदरूनी अंगों पर दुष्कर्म के कई पुख्ता साक्ष्य मिले। हालांकि डिटेल पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पूरे मामले का खुलासा होगा।

बता दें कि आरोपी रामतीरथ यादव ने ही बच्ची को पतंग देने के बहाने बुलाया था। बच्ची के घर के अंदर दाखिल होते ही उसके मुंह पर टेप लगा दिया। बच्ची के हाथों को पीछे बांधकर उसके साथ दरिंदगी की गई। इसके बाद बच्ची का शव अलमारी की रैक में कपड़ों के साथ बैठा दिया, ताकि शव डमी नजर आए। वहीं, मासूम की तलाशी और आरोपी मामा के फरार होने में पुलिस की लापरवाही सामने आई है। बच्ची की गुमशुदगी की सूचना पर सबसे पहले मायापुर चौकी पुलिस घटना स्थल पहुंची। पुलिस ने आसपास घरों की तलाशी ली। इस बीच एक बच्चे ने आरोपी रामतीरथ यादव पर पतंग देने के बहाने बुलाने का आरोप लगाया।

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