देहरादून में पहली बार मिली येलो मानीटर लिजार्ड, रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ा

देहरादून। दून में पहली बार येलो मानीटर लिजार्ड पाई गई है। वन विभाग की टीम ने इसे रविवार को रिस्पना पुल के पास से रेस्क्यू किया। लिजार्ड को जंगल में छोड़ दिया गया है। विशेषज्ञों के मुताबिक यह लिजार्ड नमी वाले क्षेत्रों में पाई जाती है और संकटग्रस्त प्रजातियों में शुमार है।
प्रभागीय वनाधिकारी राजीव धीमान को सूचना मिली थी कि रिस्पना पुल के पास एक मानीटर लिजार्ड घूम रहा है। उन्होंने तत्काल वन मुख्यालय की रेस्क्यू टीम को मौके पर भेजा। रेस्क्यू टीम के प्रभारी रवि जोशी ने बताया कि इस लिजार्ड के शरीर पर मौजूद पीली धारियां इसे अन्य मानीटर लिजार्ड से भिन्न बनाती हैं। उसे पकड़कर सुरक्षित वन क्षेत्र में छोड़ दिया गया है। उसकी निगरानी भी की जा रही है।
वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, लिजार्ड की यह प्रजाति उत्तराखंड में सीमित है। दून में इसे काफी समय से नहीं देखा गया। यह लिजार्ड आकार में छोटी होती है और अन्य छोटे जीवों को खाती है। इसे नमी वाले इलाके में रहना पसंद है यानी यह नदी के आसपास देखी जाती है। यह पेड़ पर नहीं चढ़ पाती, इसलिए घने वन में नहीं रहती।