उत्तराखंड

जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरि ने कहा- आयुर्वेद है एक पूर्ण चिकित्सा पद्धति

रुड़की। जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरि ने कहा कि आयुर्वेद एक पूर्ण चिकित्सा पद्धति है। बाबा रामदेव ने क्या कहा है इसको लेकर उनका कोई लेना देना नहीं है। विश्व के अंदर चिकित्सा के विभिन्न आयाम है। जिसमें प्राकृतिक चिकित्सा, योग से चिकित्सा आदि शामिल है। सबसे बड़ी चिकित्सा प्रार्थना एवं दुआएं हैं। इनमें से किसी भी चिकित्सा पद्धति को नकारा नहीं जा सकता है। आयुर्वेद अपने आप पर पूर्ण है और आयुर्वेद ही मानव चिकित्सा के लिए सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा व्यवस्था है। इसलिए भारतवर्ष के सर्वोच्च चिकित्सा केंद्र का नाम अखिल भारतीय आयुर्वेद एवं चिकित्सा संस्थान रखा गया। शल्य चिकित्सा यह आधुनिक चिकित्सा नहीं है।

प्रेस को जारी बयान में महांडलेश्वर स्वामी यतींद्रांनद गिरि ने कहा कि आधुनिक चिकित्सा जिसको एलोपैथी कहते हैं। शल्य चिकित्सा उसकी खोज नहीं है। यह जरूर है कि आधुनिक चिकित्सा एलोपैथी ने इस क्षेत्र में काफी गहराई तक कार्य किया है किंतु यह चिकित्सा पौराणिक चिकित्सा व्यवस्था है। पौराणिक ग्रंथों में शल्य चिकित्सा के बारे में गहरे सूत्र लिखे गए हैं। पौराणिक समय में प्रयोग भी रहे हैं, आज वही प्रयोग दोहराए जा रहे हैं। लाभ हानि जीवन मरण यश अपयश विधि हाथ किसी को जीवन देना अथवा जीवन से हाथ धोना यह परमात्मा के हाथ में है। चिकित्सा द्वारा केवल रोग के निदान का प्रयास हो सकता है। जीवन और मृत्यु का नहीं। आज भारत में पांच लाख गांव हैं। छोटे बड़े मिलाकर पांच हजार शहर कस्बे होंगे, डेढ़ सौ करोड़ की आबादी में आज भी लगभग 100 करोड़ की आबादी ग्रामीण क्षेत्र में है, वनांचल में है, पहाड़ों पर है। उनकी चिकित्सा का प्रबंध आयुर्वेद वह प्राकृतिक चिकित्सा अथवा झोला छाप के द्वारा की जा रही है। यह बहुत सस्ती प्रक्रिया है।

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