पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत बोले- जीत की ललक को भूख में बदलने को जुटना होगा
देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने सल्ट उपचुनाव में हार की समीक्षा करते हुए पार्टी के भीतर और बाहर अपने विरोधियों पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि हार को बड़े अवसर में बदलना ही तो कांग्रेस है। उपचुनाव में उन्होंने कार्यकर्त्ताओं में जीतने की ललक देखी है। इस ललक को एक बड़ी भूख में बदलने के काम में सभी को जुटना होगा।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सल्ट उपचुनाव में पार्टी प्रत्याशी की हार की समीक्षा करते हुए इसे अपनी हार माना। इंटरनेट मीडिया पर अपनी पोस्ट में उन्होंने उपचुनाव के दौरान उनके कोरोना संक्रमित होने का जिक्र करते हुए कहा कि कोरोना से वह कमजोर तो हुए, लेकिन इतने भी नहीं कि उत्तराखंड में किसी भी चुनाव की चर्चा हो और उनका नाम आलोचना या समालोचना के दायरे में न रहे। दरअसल कोरोना संक्रमण के चलते उपचुनाव में प्रचार के लिए आखिरी वक्त पर सल्ट पहुंचकर भी उन्होंने स्टार प्रचारक की अपनी भूमिका निभाई।उन्होंने कहा कि चुनाव में सल्ट की चेली और उत्तराखंडी पहचान को चुनाव से जोड़ने का प्रयास करती उनकी अपील हारी। भाजपा का संगठन, अकूत धन के साथ सहानुभूति का फैक्टर जीता है। इस तथ्य को भी भुलाया नहीं जा सकता कि सल्ट से पहले थराली और पिथौरागढ़ के उपचुनाव और 2017 के चुनाव में भी उन्होंने उत्तराखंड से जुड़े सवालों व समाधान को प्रमुख मुद्दा बनाया था। इसके बावजूद वह पार्टी को जीत नहीं दिला पाए।