करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक कैलास बनेगा विश्व धरोहर, विदेश मंत्रालय करेगा पैरवी

देहरादून। करोड़ों व्यक्तियों की आस्था के प्रतीक पवित्र कैलास भूक्षेत्र (मानसरोवर समेत) को विश्व धरोहर बनाने की दिशा में भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआइआइ) को बड़ी सफलता मिली है। भारत के साथ चीन व नेपाल की इस साझा विरासत को वैश्विक पटल पर संरक्षण प्रदान करने के लिए विदेश मंत्रालय ने अपनी सहमति प्रदान कर दी है। पिछले एक साल से अधिक समय से कोरोना संक्रमण के चलते यह राह थोड़ी लंबी जरूर हुई है, मगर हमारे अधिकारी इस दिशा में तेजी से काम कर रहे हैं।
करीब दो साल से पवित्र कैलास भूक्षेत्र (भारतीय, चीन व नेपाल के क्षेत्र को मिलाकर 31 हजार 252 वर्ग किलोमीटर) को यूनेस्को संरक्षित विश्व धरोहर का दर्जा दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। भारत में इसका क्षेत्रफल 7120 वर्ग किलोमीटर है। तत्कालीन निदेशक डॉ. वीबी माथुर के नेतृत्व में इस संबंध में प्रस्ताव तैयार करने का काम शुरू किया गया था। वर्तमान निदेशक डॉ. धनंजय मोहन के मुताबिक, प्रस्ताव का काम अंतिम चरण में है। राज्य सरकार को साथ में लेकर प्रस्ताव संस्कृति मंत्रालय को भेजा जाएगा।