तीरथ टीम चुनने में संतुलन को तरजीह, मुख्यमंत्री सहित गढ़वाल मंडल के हिस्से सात और कुमाऊं को मिले पांच मंत्री
देहरादून। दो दिन की मशक्कत के बाद आखिरकार मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अपनी टीम फाइनल कर दी। राज्यपाल द्वारा जिन 11 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई, उनमें से सात त्रिवेंद्र मंत्री परिषद का भी हिस्सा रहे, लेकिन जो चार नए मंत्री शामिल किए गए, उनके बूते तीरथ अपनी मंत्री परिषद में क्षेत्रीय और जातीय संतुलन साधने में कामयाब रहे। मुख्यमंत्री समेत गढ़वाल मंडल से कुल सात और कुमाऊं मंडल से पांच सदस्य मंत्री परिषद का हिस्सा बने हैं। राज्य के कुल 13 में से आठ जिलों को तीरथ की टीम में प्रतिनिधित्व हासिल हुआ है। पौड़ी गढ़वाल से सबसे ज्यादा तीन और ऊधमसिंह नगर जिले से दो मंत्री बनाए गए हैं। मुख्यमंत्री समेत पौड़ी गढ़वाल से मंत्री परिषद में चार सदस्य हो गए हैं। मंत्री परिषद की तस्वीर से यह साफ हो गया कि चुनावी वर्ष होने के कारण योग्यता व क्षमता पर संतुलन को तरजीह मिली है।
उत्तराखंड के 10 वें मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभालने के दो दिन बाद केंद्रीय नेतृत्व से हरी झंडी मिलने पर शुक्रवार शाम शपथ ग्रहण के साथ ही तीरथ की पूरी टीम अस्तित्व में आ गई। इनमें से पांच कैबिनेट व दो राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तो त्रिवेंद्र सरकार में भी शामिल थे, लेकिन तीरथ ने तीन कैबिनेट व एक राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नए शामिल किए। इससे उन्हें क्षेत्रीय व जातीय संतुलन कायम करने में मदद मिली। पिथौरागढ़ का प्रतिनिधित्व त्रिवेंद्र सरकार में प्रकाश पंत कर रहे थे, लेकिन 2019 में उनका असामयिक निधन हो गया। अब यहां से बिशन सिंह चुफाल को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। इसी तरह बंशीधर भगत को कैबिनेट में लेकर नैनीताल को प्रतिनिधित्व दिया गया है।