उत्तराखंड : सरकार चलाने में सलाहकारों की रहेगी अहम भूमिका
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देहरादून। नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का व्यक्तित्व निश्चल और सादगीभरा है। आम कार्यकर्त्ता के लिए वह आसानी से उपलब्ध रहे हैं। 24 साल से वह सक्रिय राजनीति में हैं। बावजूद इसके बदली परिस्थितियों में सरकार चलाने में उनके सलाहकारों की अहम भूमिका रहेगी। जाहिर है कि उन्हें अपने सलाहकारों की विजनरी और सशक्त टीम रखनी होगी।
यह ठीक है कि भाजपा के पास प्रचंड बहुमत है, मगर जिन परिस्थितियों में तीरथ सिंह रावत को कमान मिली है, वह चुनौतियों से भरी पड़ी हैं। सरकार के कार्यकाल का महज एक साल का ही वक्त है। इस अवधि में उन्हें खुद को साबित करने के साथ ही जनता और केंद्रीय नेतृत्व की कसौटी पर खरा उतरना है।
ऐसे में तमाम चुनौतियों से पार पाने के लिए पिछली सरकार की तरह नए मुख्यमंत्री को विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ सलाहकारों की टीम रखनी पड़ेगी। पूर्व में आइटी, उद्योग, आपदा समेत विभिन्न विषयों से संबंधित सलाहकारों की तैनाती की गई थी। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत भी जल्द ही विशेषज्ञ सलाहकार नियुक्त करेंगे। ऐसे में चुनौतियों से निबटने के लिए सलाहकारों की राय काफी मायने रखेगी। यही नहीं, सक्रिय राजनीति में रहते हुए भी रावत की छवि गैरराजनीतिज्ञ जैसी रही है। अब देखने वाली बात ये होगी कि उनके सलाहकारों की टीम में कौन जगह हासिल कर पाता है।