उत्तराखंड

सियासी हलचल से मंत्री-विधायक सभी भौचक; भाजपा में अप्रत्याशित घटनाक्रम की किसी को नहीं थी उम्मीद

देहरादून। उत्तराखंड भाजपा में पिछले तीन दिनों से मची सियासी हलचल से सरकार के मंत्री, विधायकों से लेकर पार्टी संगठन के पदाधिकारी सभी भौचक हैं। फिलवक्त वे कुछ भी कहने से गुरेज कर रहे हैं, मगर दबी जुबां में यह स्वीकार रहे हैं कि कहीं न कहीं कुछ बात जो जरूर है। अन्यथा, पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व द्वारा पर्यवेक्षक भेजकर कोर कमेटी की बैठक नहीं बुलाई जाती। अब मुख्यमंत्री के दिल्ली में पार्टी के केंद्रीय नेताओं से मुलाकात और मंत्री, विधायकों की अचानक दिल्ली दौड़ के घटनाक्रम ने संशय के बादल और गहरा दिए हैं।

त्रिवेंद्र सरकार 18 मार्च को चार साल पूरे करने जा रही है, मगर इससे ऐन पहले के मौजूदा घटनाक्रम ने सियासी फिजां में सत्ता पक्ष को बेचैन भी कर दिया है। गैरसैंण में विधानसभा के बजट सत्र के दौरान छह मार्च को पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा अचानक पर्यवेक्षक के रूप में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह को देहरादून भेजने और कोर कमेटी के सदस्यों का मन टटोलने के बाद से सत्ता पक्ष में हलचल है। गैरसैंण से आनन-फानन जिस तरह मंत्री, विधायकों को देहरादून भेजा गया, उससे सियासी गलियारों में तरह-तरह की चर्चाएं भी शुरू होने लगीं।

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