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भारत और चाइना के बीच आज कोर कमांडर लेवल की मीटिंग, बातचीत से हल निकालने की कोशिश

नई दिल्ली I भारत और चीन के बीच बीते लंबे वक्त से सीमा पर तनाव की स्थिति बनी हुई है. अगस्त के आखिर में ताजा तनाव होने के बाद बातचीत बंद हो गई थी, लेकिन अब एक बार फिर बॉर्डर पर भारत और चीन की सेना के अफसर बातचीत की टेबल पर होंगे. सोमवार सुबह दोनों देशों के बीच कॉर्प्स कमांडर लेवल की बातचीत होगी, जहां विवाद को सुलझाने, सैनिकों की संख्या कम करने पर ज़ोर होगा.
भारत की ओर से इस बैठक में लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह (कॉर्प्स कमांडर) रहेंगे, जबकि चीन की ओर से मेजर जनरल लिन लिउ (PLA) मौजूद होंगे. ये बैठक मोल्डो इलाके में होगी. 

खास बात ये है कि इस बार भारत की ओर से विदेश मंत्रालय के अधिकारी नवीन श्रीवास्तव भी मौजूद रह सकते हैं. नवीन, ज्वाइन सेक्रेटरी हैं और विदेश मंत्रालय के ईस्ट एशिया विभाग में कार्यरत हैं. इसके अलावा वो उस पैनल का भी हिस्सा हैं, जो चीन के साथ सीमा विवाद पर चर्चा करती है. 

भारतीय डेलिगेशन में लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह के अलावा मेजर जनरल अभिजीत बापत, मेजर जनरल पदम शेखावत, दीपक सेठ (IG ITBP) और चार अन्य ब्रिगेडियर होंगे. भारत की ओर से स्थिति साफ कर दी गई है कि वो एक इंच भी पीछे नहीं हटेंगे और अपनी जमीन नहीं छोड़ेंगे. 

इस बार बातचीत में देपसांग का मसला भी उठ सकता है, क्योंकि चीन की ओर से बड़े स्तर पर यहां अपनी मौजूदगी दर्ज कराई गई है. साथ ही मुख्य फोकस पैंगोंग के नॉर्थ और साउथ बैंक पर जारी हलचल को लेकर होगा. भारत की ओर से गलवान की तरह ही इन इलाकों में सैनिकों को हटाने की मांग की जाएगी. विदेश मंत्री और रक्षा मंत्रियों के बीच जो बैठक हुई थी और उसमें जो तय हुआ था, भारत की ओर से उन्हीं बातों का पालन करने की मांग की जाएगी. 

भारत की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी कई बार साफ कर चुके हैं कि बॉर्डर पर हालात बिगड़ने के पीछे चीन की जिद है, चीन एलएसी को नहीं मान रहा है. ऐसे में भारत को ना ही कोई पैट्रोलिंग से रोक सकता है और ना ही कोई LAC को बदल सकता है. इन्हीं मसलों पर आगे की बात की जा रही है.

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