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भारत से शांति कर फिर यूएस से ‘भिड़ने’ की तैयारी में जुटा चीन

नई दिल्ली. बीते एक सप्ताह के भीतर भारत के लिए दो महत्वपूर्ण घटनाक्रम हुए. एक तरफ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ डिसएंगेजमेंट की प्रक्रिया शुरू हुई तो वहीं LOC पर सीजफायर को लेकर एग्रीमेंट हुआ. अगर वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी की बात करें तो कहा जा रहा है कि चीन को बाइडन प्रशासन भी वैसा ही सख्त दिख रहा है जैसा ट्रंप प्रशासन रहा है. यही वजह है कि चीन अन्य फ्रंट से तनाव कम कर एक बार फिर से अमेरिका के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर रहा है. हाल में हुए कुछ घटनाक्रम भी इसकी गवाही दे रहे हैं.

बाइडन की सख्ती से चीन परेशान
गौरतलब है कि अमेरिका में राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी अभी तक चीन के प्रति किसी प्रकार के नरम रुख के संकेत नहीं दिए हैं. बाइडन भी चीन के खिलाफ सख्ती दिखा रहे हैं. ऐसे में चीन का भारत जैसे ताकतवर देश से उलझना मुश्किल पैदा करने वाला था. उसे यहां आर्थिक और सामरिक दोनों मोर्चे पर नुकसान हो रहा है. ड्रैगन को वैश्विक मंचों पर अमेरिका से टक्कर मिलने वाली है, इसलिए उसने अमेरिका के खिलाफ तैयारी शुरू कर दी है. बता दें कि अमेरिका साउथ चाइना सी में अपने जंगी जहाज भेज चुका है और ड्रैगन को कई बार चेता भी चुका है.

भारत और पाकिस्तान का ज्वाइंट स्टेटमेंट
वहीं LOC को लेकर भारत और पाकिस्तान की तरफ से ज्वाइंट स्टेटमेंट जारी कर कहा गया है-दोनों देशों के ज्वाइंट स्टेटमेंट के अनुसार, दोनों DGMO एक-दूसरे के ऐसे जरूरी मुद्दों और चिंताओं को मानने के लिए तैयार हुए हैं, जो शांति भंग कर सकती है और हिंसा भड़का सकते हैं. दोनों पक्षों ने आपसी हित और सीमा पर शांति बनाए रखने के इरादे से यह फैसला लिया है. बातचीत के दौरान दोनों देशों ने इस बात को दोहराया कि किसी भी गलतफहमी और अनदेखे हालातों के निपटारे के लिए हॉटलाइन का इस्तेमाल किया जाएगा.

पाकिस्तान के साथ सामान्य संबंध चाहता है भारत
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा है कि भारत पाकिस्तान के साथ सामान्य संबंध चाहता है. उन्होंने यह भी कहा-हमने हमेशा कहा है कि हम मुद्दों के समाधान के लिए समर्पित हैं. अगर कोई मुद्दा है तो उसे शांतिपूर्ण ढंग से द्विपक्षीय बातचीत के जरिए सुलझाया जाना चाहिए. प्रमुख मुद्दों पर हमारी राय पहले की तरह ही बनी हुई है.

इस बीच पाकिस्तान के नेशनल सिक्योरिटी अडवाइजर ने सीजफायर के पीछे बैक चैनल डिप्लोमेसी की बातों को नकार दिया. उन्होंने कहा कि उनके और भारत के एनएसए अजित डोभाल के बीच कोई बैक चैनल डिप्लोमेसी नहीं हुई है. जो भी बातचीत हुई है वो आधिकारिक चैनल के जरिए हुई है.

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता का बयान
मामले ने एक और नया मोड़ तब लिया जब अमेरिकी विदेश विभाग ने इस पर प्रतिक्रिया दी. विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा-हम ज्वाइंट स्टेटमेंट का स्वागत करते हैं. हालांकि जब उनसे पूछा गया कि क्या अमेरिका का भी कोई रोल है तो उन्होंने कहा कि निश्चित तौर अमेरिकी प्रशासन की तरफ से ‘धक्का’ तो दिया गया. उन्होंने कहा-मैं यही कह सकता हूं जो पहले भी कहा चुका है कि दोनों पार्टी को लाइन ऑफ कंट्रोल पर सीजफायर के लिए कॉल किया गया. भारत के नजरिये से अच्छी बात यह रही कि अमेरिका ने एक बार फिर आतंकी गतिविधियों और सीमा पर घुसपैठ की सख्त निंदा की.

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