केजरीवाल सरकार ने किसान आन्दोलन में शामिल दिल्ली पुलिस के लिए इस्तेमाल होने वाली DTC बसों को वापस मंगाया

नई दिल्ली. अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली पुलिस की ड्यूटी में भेजी गईं डीटीसी बसों को डिपो में तुरंत लौटने का निर्देश दिया है. परिवहन विभाग द्वारा सभी डीटीसी बस डिपो में ईमेल भेजा गया है कि सभी फौजियों, सीआरपीएफ और पुलिस वालों को बस से नीचे उतार दो और डिपो में लौटो. यही नहीं, डिपो में लौटने के लिए ड्राइवर को कंट्रोल रूम के ड्यूटी ऑफिसर के अधिकारियों के द्वारा बोला जा रहा है. इसके साथ ही परिवहन विभाग ने डीटीसी को निर्देश दिया है कि सरकार की बिना अनुमति के दिल्ली पुलिस को बन नहीं दें.
इस बीच, डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन को दिल्ली सरकार की इस मामले में साजिश नजर आ रही है. यूनियन के सदस्य मनोज शर्मा ने कहा कि इस तरह से हमारे फौजी, सीआरपीएफ और दिल्ली पुलिस के जवान को खुली हवा में रुकना पड़ेगा. जबकि असमाजिक तत्व भी दिल्ली पुलिस पर हमला कर सकते हैं. दिल्ली पुलिस की सेवा में डीटीसी की करीब 576 हरी बस लगी हुई हैं.
दिल्ली सरकार बनाम केंद्र सरकार
दिल्ली सरकार की केंद्र सरकार के साथ अनबन होने के कारण इस तरह का रवैया दिल्ली की सुरक्षा से खिलवाड़ जैसा है. यही वजह है कि दिल्ली सरकार ने पुलिस की सेवा में लगीं 576 डीटीसी की हरी बस डिपो बुलाने का फरमान जारी कर दिया है. इसके साथ कहा जा रहा है कि सभी फौजियों, सीआरपीएफ वालों और दिल्ली पुलिस के जवानों को जहां हो वहीं उतारकर डिपो आ जाओ. इस आंदोलन में अब जवान और किसान दोनों सड़कों पर आ गए हैं. दिल्ली की सुरक्षा के लिए जवानों का होना बहुत जरूरी है और इस राजनीति के चक्कर में अब जवानों को रात में खुले आसमान के नीचे रहना पड़ेगा. डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन दिल्ली सरकार के इस रवैया का कड़ा विरोध करती है और दिल्ली सरकार से अपील करती है कि सीआरपीएफ जवानों को डीटीसी बसें उपलब्ध करवाई जाएं, ताकि दिल्ली की सुरक्षा बनी रहे.
बहरहाल, केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली के बॉर्डर पर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के किसान काफी समय से जमे हुए हैं. वहीं, अरविंद केजरीवाल किसान आंदोलन का जमकर समर्थन कर रही है. यही वजह है कि उसने अपनी बसें वापस लेने का आदेश दिया है.