सत्ता के गलियारे से: हाजिर हैं रुद्रपुर के हरदा समोसे वाले

देहरादून। हरदा, यानी हरीश रावत। ऐसे सियासतदां, जो विपक्ष से ज्यादा अपनों के निशाने पर रहते हैं। लोकसभा, राज्यसभा सदस्य से लेकर केंद्र में कैबिनेट के सदस्य और उत्तराखंड में मुख्यमंत्री तक रह चुके हैं। सियासत से इतर नायाब पैंतरे हरदम इन्हें चर्चा में बनाए रखते हैं। कभी बैलगाड़ी पर जुलूस, मुख्यमंत्री आवास के बाहर सड़क पर धरना और कोरोना काल में कुछ नहीं तो अपने घर के बाहर ही सरकार के खिलाफ घंटे-दो घंटे मौनव्रत। अभी हाल में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी कुमाऊं पहुंचे तो हरदा पार्टी कार्यकर्ताओं को रुद्रपुर में समोसे तलते और चाय सर्व करते नजर आए। दरअसल, यह हरदा का खास अंदाज है। इन्हें मालूम है कि क्या मीडिया और इंटरनेट मीडिया में सुर्खियों बटोरेगा। अब अगर एक पूर्व मुख्यमंत्री समोसे तलते दिखे, तो भला कौन कैमरे में कैद नहीं करेगा। अपने इसी हुनर के कारण हरदा अपनी पार्टी के अन्य दिग्गजों पर अकसर भारी पड़ते हैं।
नेताजी, संगठन संभाला, तो थोड़ा जबान भी
मसखरी, हंसी, मजाक हमेशा माहौल के भारीपन को हलका कर देता है, मगर जब यह किसी पर तंज के रूप में मर्यादा लांघ जाए, तो सब गड़बड़ा जाता है। भाजपा संगठन के सूबाई मुखिया बंशीधर भगत को अब शायद यह अच्छी तरह समझ आ गया होगा। वैसे बड़े जिंदादिल इंसान हैं, तीन दशक से रामलीला में तमाम किरदार निभाते आ रहे हैं, अब दशरथ का रोल पसंदीदा है। पूछा तो कह गए, उम्र हो गई, दशरथ महाराज का ही किरदार अब सूट करता है। सियासत के सूरमा हैं, तो बिसरा गए अपने उम्रदराज होने की बात। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश पर ऐसी टिप्पणी कर बैठे कि दून से दिल्ली तक खलबली मच गई। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र को आधी रात ट्वीट कर इंदिरा से क्षमायाचना कर बात संभालनी पड़ी, मगर कांग्रेस हमलावर है, भगत ने मुद्दा जो थमा दिया। देखते हैं, मामला खत्म हो गया या फिर आगे कोई नया मोड़ लेगा।