उत्तराखंड

केंद्र से जारी हुआ बजट, लेकिन उत्तराखंड में बच्चों को न स्कूल ड्रेस मिली और न पैसा

उत्तराखंड शिक्षा विभाग के कारनामे भी अजब गजब हैं। छात्र-छात्राओं की स्कूल ड्रेस के लिए प्रदेश और केंद्र सरकार से धनराशि मिली, इसके बावजूद छह लाख बच्चों को न ड्रेस मिली न इसके लिए उन्हें पैसा ही दिया गया। बच्चे इसके लिए पूरे साल इंतजार करते रह गए। यह हाल तब है जबकि वर्तमान शिक्षा सत्र 2020-21 खत्म होने वाला है और तीन महीने बाद नया शिक्षा सत्र शुरू हो जाएगा।

समग्र शिक्षा अभियान के तहत प्रदेेश में कक्षा एक से आठवीं तक के सरकारी और अशासकीय स्कूलों के बच्चों को हर साल निशुल्क ड्रेस दी जाती है। स्कूल ड्रेस पर खर्च होने वाली कुल धनराशि का 90 फीसदी हिस्सा केंद्र सरकार की ओर से दिया जाता है, जबकि शेष दस फीसदी धनराशि राज्य सरकार वहन करनी है।

विभागीय अधिकारियों के मुताबिक स्कूल ड्रेस के लिए समग्र शिक्षा अभियान के तहत 35 करोड़ से अधिक की धनराशि जिलों को जारी की जा चुकी है, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते अब तक छात्र-छात्राओं को न तो स्कूल ड्रेस दी गई और न ही इसके लिए धनराशि दी गई।

नियमानुसार अप्रैल व मई 2020 तक बच्चों को स्कूल ड्रेस मिल जानी चाहिए थी। हालांकि इस बार कोविड-19 के चलते नौ महीने तक स्कूल बंद रहे, लेकिन मिड डे मील एवं अन्य योजनाओं की तरह बच्चों को स्कूल ड्रेस या इस मद में उनके खातों में धनराशि दी जा सकती थी। वहीं, कुछ स्कूलों के प्रधानाध्यापकों का कहना है कि विभाग की ओर से इस तरह के निर्देश मिले हैं कि बच्चों की स्कूल ड्रेस की धनराशि को अग्रिम आदेशों तक खर्च न किया जाए।

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