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सिद्धू-चन्नी की बैठक पर आज कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस, सूत्रों का दावा- सरकार ने मानी सिद्धू की मांग

पंजाब कांग्रेस में जारी उठापटक सुलझने का दावा किया जा रहा है. इसको लेकर आज कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस है. सूत्रों के मुताबिक चन्नी सरकार नवजोत सिंह सिद्धू के आगे झुक गई है. अब पार्टी सिद्धू का इस्तीफा नामंजूर करने पर विचार कर रही है. चंडीगढ़ में कल मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच करीब दो घंटे तक बैठक हुई.

पंजाब के डीजीपी और एडवोकेट जनरल को बदलने का रास्ता साफ

सूत्रों के मुताबिक सिद्धू की मांग पर पंजाब के डीजीपी और एडवोकेट जनरल को बदलने का रास्ता साफ हो गया है. इसलिए सिद्धू का इस्तीफा नामंजूर किया जा सकता है. 3 सदस्यीय कमेटी बड़े मसलों पर हफ्ते में दो बार मिलेगी. सीएम चन्नी, सिद्धू और हरीश चौधरी कमेटी में शामिल होंगे. वहीं अब हरीश रावत की जगह हरीश चौधरी को पंजाब का प्रभारी बनाया जाएगा.

फिलहाल सिद्धू आलाकमान का भरोसा जीतते दिख रहे हैं

आज कांग्रेस प्रेस कॉन्फ्रेंस करके चन्नी और सिद्धू की मीटिंग में लिए गए फैसलों की जानकारी देगी. पंजाब में पिछले कई महीनों से चल रहे सियासी घमासान में फिलहाल सिद्धू आलाकमान का भरोसा जीतते दिख रहे हैं. लेकिन कैप्टन का अगला रुख कांग्रेस नेतृत्व के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है. कैप्टन ने आलाकमान के खिलाफ मोर्चा खोलने के बाद कांग्रेस छोड़ने का एलान कर दिया. साथ ही सिद्धू को अगले चुनाव में हराने का दावा किया है.

कैप्टन ने साधा सिद्धू पर निशाना

कैप्टन ने एलान कर दिया है कि अगले चुनाव में वो सिद्धू को शिकस्त देने की पूरी तैयारी कर चुके हैं. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि सिद्धू पंजाब के लिए राइट मैन नहीं हैं. सिद्धू जहां से भी लड़ेगा, वहां से मैं उसे जीतने नहीं दूंगा. कैप्टन ने पंजाब सरकार में चल रहे घमासान पर भी निशाना साधा और कहा, ‘’सिद्धू का काम है पार्टी चलाना. चन्नी का काम है सरकार चलाना. सरकार चलाने में कोई दखल नहीं होना चाहिए. अफसर हटाने का काम पार्टी अध्यक्ष का नहीं है, अफसर को मुख्यमंत्री लगाता, हटाता और बदलता है.’’

कैप्टन के अगले रुख पर बीजेपी की नज़र

कैप्टन के करीबी सूत्रों के मुताबिक, वो कांग्रेस छोड़ने के बाद अपना अलग मोर्चा या फिर अलग पार्टी बना सकते हैं. सूत्र ये भी कहते हैं कि बीजेपी से उन्हें ऐसे संकेत भी मिले हैं कि अगर वो कांग्रेस से अलग होकर अगले विधानसभा चुनाव में उतरे तो बीजेपी उन्हें बाहर से समर्थन दे सकती है. कैप्टन के अगले रुख पर अब कांग्रेस के अलावा बीजेपी की भी नजर है.

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