उत्तराखंड

सत्ता के गलियारे से: इंटरनेट मीडिया में तो केवल हरदा ही चेहरा

देहरादून। हरीश रावत, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व केंद्रीय मंत्री, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव, विधानसभा, लोकसभा, राज्यसभा, सभी जगह हाजिरी दर्ज करा चुके हैं। कांग्रेस के दिग्गजों में नाम शुमार है इनका। फिलहाल दिल्ली में कांग्रेस का कोई भविष्य नहीं दिखता, तो उत्तराखंड में पार्टी का झंडा बुलंद किए हुए हैं। हाईकमान से गुहार लगाई कि उन्हें विधानसभा चुनाव में पार्टी मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करे, मगर विरोधियों ने अड़ंगा लगा दिया। हरदा भला कैसे हार मान लेते, पंजाब के रास्ते कुछ ऐसा जुगाड़ किया कि उन्हें कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में वैतरणी पार लगाने के लिए नैया की पतवार सौंप दी। यानी, हरदा हैं तो सब मुमकिन है। आलम यह कि भाजपा के दिग्गज कांग्रेस पर निशाना साधते हैं तो चेहरा केवल हरदा का ही होता है। विश्वास न हो तो इंटरनेट मीडिया खंगाल कर देखिए, भाजपा के नेताओं के अकेले टार्गेट हरदा। बताइए, कौन हुआ कांग्रेस का चुनावी चेहरा।

इस बार बदला-बदला नजर आएगा सदन का नजारा

उत्तराखंड की मौजूदा चौथी विधानसभा लगभग साढ़े चार साल का कार्यकाल पूरा कर चुकी है। सोमवार से विधानसभा का मानसून सत्र आरंभ हो रहा है। चुनाव की आहट महसूस होने लगी है और इसके बीच आयोजित होने वाला सत्र संभवतया अंतिम सत्र होगा। दिलचस्प बात यह कि इस सत्र में कई नई बातें होंगी। डेढ़ महीने पहले मुख्यमंत्री का पद संभालने वाले पुष्कर सिंह धामी पहली बार नेता सदन की भूमिका में दिखेंगे। उधर, नेता प्रतिपक्ष के रूप में कांग्रेस की कमान अब प्रीतम सिंह संभालेंगे, जो इससे पहले कांग्रेस के सूबाई संगठन के मुखिया थे। डा इंदिरा हृदयेश के निधन के बाद उन्हें नई भूमिका मिली। संसदीय कार्य मंत्री का रोल अब बंशीधर भगत निभाते नजर आएंगे। पहले यह दायित्व देख रहे मदन कौशिक अब भाजपा प्रदेश संगठन के अध्यक्ष हैं। हालांकि सत्तापक्ष के वरिष्ठ विधायक के रूप में उनकी मौजूदगी सदन में भाजपा के लिए अहम साबित होगी।

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