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10 नवंबर को जारी होगा बिहार चुनाव का परिणाम, कौन बनेगा बिहार का बादशाह ?

नई दिल्ली I चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनावों के लिए 10 नवंबर को होने वाली मतगणना के लिए विस्तृत रूप से व्यवस्था की है। राज्य के सभी 38 जिलों में 55 मतगणना केंद्र स्थापित किए हैं, जहां सीसीटीवी की विशेष व्यवस्था की गई है।

चुनाव पैनल ने कहा कि राज्य के सभी 38 जिलों में कुल 55 मतगणना केंद्रों और 414 हॉलों में मतों की गिनती की जाएगी। इसके साथ ही 78 केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की तैनाती भी की गई है। इससे पहले बिहार चुनाव के पहले चरण में 28 अक्तूबर को 71 सीटों और दूसरे चरण के तहत 3 नवंबर को 94 सीटों पर मतदान संपन्न हो चुका है।

7 नवंबर को अंतिम चरण के मतदान के साथ ही बिहार विधानसभा चुनाव पूरी तरह समाप्त हो गया। पूर्वी चंपारण के चार जिलों (12 विधानसभा क्षेत्र हैं), गया (10 निर्वाचन क्षेत्र), सिवान (आठ निर्वाचन क्षेत्र) और बेगूसराय (सात निर्वाचन क्षेत्र) में अधिकतम तीन मतगणना केंद्र बनाए गए हैं। बाकी जिलों में या तो एक या दो मतगणना केंद्र हैं।

राज्य में कोरोना वायरस को ध्यान में रखते हुए कोविड-19 दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन किए जाने को लेकर सख्त कदम उठाए गए हैं। मतगणना केंद्रों में प्रवेश के लिए फेस मास्क अनिवार्य होगा इसके अलावा सैनिटाइजर को पर्याप्त मात्रा में वहां रखा जाएगा।

बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एचआर श्रीनिवास ने संवाददाताओं से कहा कि चुनाव आयोग ने स्ट्रांग रूम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) और मतगणना केंद्रों के लिए त्रिस्तरीय सुरक्षा प्रणाली स्थापित की गई है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा के लिए हथियार केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) फिर बिहार सैन्य पुलिस (बीएमपी) और फिर जिला पुलिस को तैनात किया जा रहा है।

सिर्फ मजबूत कमरों और मतगणना केंद्रों की सुरक्षा के लिए सीएपीएफ की 19 कंपनियों को तैनात किया है। इसके अलावा, हमारे पास गिनती की प्रक्रिया के दौरान और कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए 59 सीएपीएफ कंपनियों को तैनात किया है। एक सीएपीएफ कंपनी में लगभग 100 कर्मचारी शामिल होते हैं।

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