पंजाब मे बिजली कटौती को लेकर सीएम कैप्टन अमरिंदर आज राजघाट पर करेंगे धरना प्रदर्शन
कैप्टन अमरिंदर अपनी सरकार के मंत्री और विधायकों के साथ धरने पर बैठेंगे. कैप्टन ने दिल्ली में बापू की समाधि राजघाट पर मंत्री-विधायकों के साथ धरने का ऐलान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ओर से पंजाब सरकार के शिष्टमंडल को मिलने के लिए समय नहीं दिए जाने के बाद किया. कैप्टन का यह धरना केंद्र सरकार की ओर से राज्य में मालगाड़ियों का परिचालन बंद करने के विरोध में, राष्ट्रपति की ओर से पंजाब विधानसभा में केंद्रीय कृषि अधिनियम के खिलाफ पारित बिल को लेकर कैप्टन अमरिंदर सिंह और पंजाब सरकार के डेलिगेशन से मिलने से इनकार किए जाने को लेकर है.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, भारतीय रेलवे ने पंजाब में जारी किसान आंदोलन के कारण मालगाड़ियों की आवाजाही 7 नवंबर तक के लिए बंद कर दी है. केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि अगर पंजाब सरकार रेलवे ट्रैक और मालगाड़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित करती है तभी मालगाड़ियों का परिचालन किया जाएगा. मालगाड़ियां बंद रहने से राज्य में थर्मल पावर प्लांट्स को कोयले की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. इससे बिजली उत्पादन प्रभावित हो रहा है. प्रदेश में जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति पर भी नकारात्मक असर पड़ रहा है. पंजाब से सब्जी और अनाज की सप्लाई भी नहीं हो पा रही है.
इस संबंध में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि राज्य की हालत की ओर ध्यान दिलाने के उद्देश्य से राजघाट पर धरना देने का फैसला किया गया है. धरना सुबह 10.30 बजे से शुरू होगा. उन्होंने विपक्षी दलों के विधायकों से भी प्रदेश के हित में धरने में शामिल होने की अपील की. कैप्टन मंत्रिमंडल के मंत्रियों ने केंद्र सरकार पर प्रदेश के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पंजाब ने कृषि अधिनियमों के खिलाफ सबसे पहले आवाज उठाई थी, इसलिए बदले की भावना से कार्य किया जा रहा है.
AAP ने धरने को बताया ड्रामा
आम आदमी पार्टी (एएपी) ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के धरने को ड्रामा बताते हुए कहा है कि उन्हें इन मुद्दों को सुलझाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करनी चाहिए, राष्ट्रपति से नहीं. AAP नेता अमन अरोड़ा ने कहा कि कैप्टन केंद्र सरकार की तमाम बातों को मान लेते हैं और बाद में विधानसभा में बिल लाकर किसानों को गुमराह करने की कोशिश करते हैं. ऐसे में कैप्टन अमरिंदर सिंह का राजघाट पर किया जाने वाला धरना किसी राजनीतिक ड्रामे से कम नहीं. वहीं, अकाली दल के प्रवक्ता दलजीत सिंह चीमा ने भी कैप्टन पर निशाना साधा.
चीमा ने कहा कि कुछ दिन पहले तक कैप्टन अमरिंदर सिंह जोर-शोर से प्रचार कर रहे थे कि केंद्रीय कृषि अधिनियमों के खिलाफ पंजाब विधानसभा में जो बिल पास किए गए हैं, उसे लेकर राष्ट्रपति से 4 नवंबर को मिला जाएगा. ऐन वक्त पर अब वह कह रहे हैं कि राष्ट्रपति ने उन्हें मिलने के लिए समय देने से इनकार कर दिया है. राजघाट पर धरने की तैयारी की जा रही है. अकाली दल के प्रवक्ता ने कहा कि अगर कैप्टन को धरना ही देना है तो वो प्रधानमंत्री के घर के बाहर दें. इस मामले का हल प्रधानमंत्री को ही करना है और राष्ट्रपति के पास जाकर पंजाब सरकार को कोई फायदा नहीं होने वाला.