उत्तराखंड

उत्तराखंड में बिजली होगी महंगी, यूपीसीएल ने लगाई नए टैरिफ पर मुहर

देहरादून I प्रदेश में एक अप्रैल से बिजली महंगी होगी। इसके लिए उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) ने बढ़ोतरी पर मुहर लगा दी है। अब नए टैरिफ का प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग को भेजा जाएगा।

गुरुवार को एमडी डॉ. नीरज खैरवाल की अध्यक्षता में हुई बोर्ड बैठक में बताया गया कि इस साल केवल नौ करोड़ रुपये की बढ़ोतरी का प्रस्ताव यानी 0.12 प्रतिशत भेजा जाएगा।

इस तरह से होगी बढ़ोतरी

– बीपीएल परिवारों के लिए बिजली की दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी। बीपीएल के अलावा ऐसे उपभोक्ता, जिनके पास एक किलोवाट का कनेक्शन है और वह 100 यूनिट तक का उपभोग करते हैं, उनके लिए भी किसी प्रकार की बढ़ोतरी नहीं की जाएगी।

– कृषि के लिए नलकूप श्रेणी में बिजली दरों में बढ़ोतरी का कोई प्रस्ताव पास नहीं किया गया है। यानी किसानों को इस साल बिजली दर बढ़ोतरी में राहत रहेगी।

– 25 किलोवाट तक के छोटे उद्योगों के लिए भी इस साल बिजली की दरों में कोई बढ़ोतरी का प्रस्ताव नहीं लाया गया है।

– इसके अलावा घरेलू श्रेणी में 1.99 प्रतिशत, वाणिज्यिक श्रेणी में 4.05 प्रतिशत, एलटी उद्योग श्रेणी में 2.5 प्रतिशत, एचटी उद्योग श्रेणी में 5.13 प्रतिशत बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर यूपीसीएल बोर्ड बैठक में मुहर लगी है। कुल मिलाकर 4.56 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव पास हुआ है।

– बोर्ड बैठक में यह भी तय किया गया है कि रुड़की क्षेत्र में स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे।

प्रदेश में पानी हो सकता है सस्ता
प्रदेश में उपभोक्ताओं को जल मूल्य में राहत मिल सकती है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में शुक्रवार को इस मामले को लेकर फैसला किया जा सकता है।

अगस्त माह के दौरान ही जल संस्थान ने पानी की घरेलू दरों में 9 से 11 प्रतिशत और व्यवसायिक दरों में 13 से 15 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की थी। यह वृद्धि प्रदेश में अप्रैल माह में लागू भी हो गई थी। कोरोना काल में जल मूल्य बढ़ाए जाने का प्रदेश में विरोध भी हुआ था। इसी को देखते हुए सरकार ने वृद्धि की समीक्षा के लिए समिति का गठन किया था।

शुक्रवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में जल मूल्य और सीवर के दरों में संशोधन के लिए गठित समिति की बैठक होगी। सरकार के स्तर पर यह भी माना जा रहा है कि प्रदेश में मीटरिंग और कनेक्शन का बढ़ावा देने की कोशिश को अधिक जल मूल्य धाराशायी कर सकता है। ऐसे में जल मूल्य में कमी की संभावना अधिक बताई जा रही है।

दूसरी और, चुनावी साल होने के कारण भी प्रदेश सरकार पर जल मूल्य को कम करने का दबाव है। वर्तमान में यह वृद्धि अलग-अलग स्लेब मेें करीब 15 प्रतिशत तक है। खुद सरकार मान रही है कि यह स्लेब अधिक है। सूत्रों के मुताबिक सरकार जल मूल्य मेें कमी कर उपभोक्ताओं को रियायत का संकेत देने की कोशिश में भी है। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक और उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत भी इस बैठक में शामिल होंगे।

 

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